बॉक्सिंग खिलाड़ी प्रियंका चौधरी और एथलीट मानसी नेगी ने ठुकराई नौकरी, कहा उपलब्धि के अनुरूप नहीं मिली नौकरी।

देहरादून – शैक्षिक योग्यता और खेल की उपलब्धि के अनुरूप पद न मिलने पर बॉक्सिंग खिलाड़ी प्रियंका चौधरी ने खेल विभाग में कोच बनने से इन्कार कर दिया है। वहीं ग्रेजुएशन करने के बावजूद दोबारा इंटर करने के अनिवार्य नियम के कारण एथलीट मानसी नेगी ने भी वन विभाग में ज्वाइनिंग लेने से मना कर दिया। मानसी का कहना है कि जब वह स्नातक है तो दोबार इंटर क्यों करे। दो महिला खिलाड़ियों के आउट ऑफ टर्न नियुक्ति नहीं लेने से विभाग भी सकते में है और अब इसके विकल्प भी तलाशे जाने लगे हैं।

सोमवार को प्रदेश में पहली बार आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के तहत खिलाड़ियों को नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद खिलाड़ियों को नियुक्तिपत्र दिए, लेकिन प्रदेश में चर्चित रहीं दो महिला खिलाड़ी काशीपुर की प्रियंका चौधरी और चमोली की मानसी नेगी ने पद लेने से इन्कारप कर दिया। इस बारे में बॉक्सिंग खिलाड़ी प्रियंका चौधरी ने पूछने पर कहा कि उन्होंने आवेदन किया था और अपनी खेल उपलब्धि और शैक्षिक योग्यता के सभी प्रमाणपत्र लगाए थे।

वह एनआईएस डिप्लोमा प्राप्त है और इसके साथ ही बीपीएड, एमपीएड भी किया है, लेकिन उन्हें सहायक प्रशिक्षक पद दिया गया, जबकि उनसे कम शैक्षिक योग्यता के खिलाड़ी को उच्च पद पर तैनात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्वालीफिकेशन के साथ मांगी गई रिक्वायरमेंट को पूरा करने के बावजूद उन्हें लोअर पद दिया जा रहा है, जबकि वह मौजूदा समय में रेलवे में इससे ऊंचे पद पर कार्यरत हैं। प्रियंका ने उनकी अचीवमेंट के साथ क्वालीफिकेशन को भी इग्नोर करने का आरोप लगाया।

वहीं मानसी नेगी को वन दरोगा का पद दिया गया था। इसके लिए वह वेरिफिकेशन कराने भी गई थीं, लेकिन पद के लिए इंटर साइंस के नियम ने उनकी राह रोक दी। बताया कि उन्होंने फिजिकल एजुकेशन से स्नातक किया है। वर्तमान में बीपीएड कर रही है मगर उनसे कहा जा रहा है कि अब दोबारा साइंस से इंटर करना पड़ेगा, जिसके लिए चार साल का समय भी दिया जा रहा है। मानसी ने सवाल करते हुए कहा कि जब वह ग्रेजुएशन कर चुकी हैं, तो दोबारा इंटर क्यों करें, क्यों पांच साल पीछे जाए। इसलिए उन्होंने वन विभाग में ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया। उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता के अनुसार युवा कल्याण विभाग, गृह विभाग, शिक्षा विभाग को प्राथमिकता सूची में रखा था।

रजत पदक विजेता ने सीएम को भेजा पत्र

आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के मामले में स्वर्ण पदक विजेता को नौकरी मिलने और रजत पदक जीतने के बावजूद उनको नौकरी नहीं मिलने पर टनकपुर निवासी इमरान अली ने अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। इमरान ने बताया कि उन्होंने 2017 में कनाडा में आयोजित कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार से स्कॉलरशिप भी मिली थी। जब आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के तहत उन्होंने आवेदन किया तो किसी पद पर नियुक्ति नहीं मिली। बता दें कि कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर अल्मोड़ा की शुभांगिनी साह को खेल विभाग में सहायक कोच के पद नियुक्ति मिली है।

खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर ने बताया कि मानसी नेगी ने वन विभाग में मना कर दिया था, जिसके संबंध में वन विभाग से पत्र मिलने के बाद अब उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार उनहें गृह विभाग में नियुक्ति देने के संबंध में पत्र भेजा गया है। दूसरी ओर प्रियंका चौधरी से भी वेतन और पद के संबंध में बात की गई थी। उन्हें शासनादेश और खेल नीति के अनुसार पद आवंटित किया गया था, जबकि रजत पदक पर नौकरी नहीं मिलने का मामला जब सामने आएगा, तब उसको देखा जा सकेगा।

प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने कहा कि हमारा उद्देश्य खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना और हर सुविधा उपलब्ध कराना है। अभी नियमानुसार जो छूट की व्यवस्था है, वही की गई है, लेकिन यदि कोई परेशान है तो मैं मदद जरूर करुंगा। खिलाड़ियों को नौकरी दिलाने के लिए नियमानुसार सहयोग किया जाएगा। खिलाड़ियों के भविष्य और हित को देखते हुए अगर संभव हुआ तो नियमों में भी यथोचित परिवर्तन किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here