देहरादून/ऋषिकेश – बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के लिए गाडूघड़ा (तेल-कलश) लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर से मंगलवार शाम बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चंद्रभागा स्थित विश्राम गृह पहुंच गया है। जहां बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सहित श्रद्धालुओं ने तेल-कलश का स्वागत किया।
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने के कार्यक्रम के लिए मंदिर समिति ने तैयारी शुरू कर दी है। मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने तैयारियों के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
14 फरवरी को ही डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की ओर से गाडूघड़ा राजमहल को सौंपा जाएगा। इसके बाद राजमहल से गाडूघड़ा में तिल का तेल पिरोया जाएगा। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। कपाट खुलने के बाद यह तेल-कलश भगवान बदरी विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की तिथि निश्चय होने के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी भी ऋषिकेश पहुंच गए हैं।