देहरादून – राज्य सरकार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में नकल विरोधी कानून लागू करने के पक्ष में नहीं है। सिर्फ विभिन्न भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी तरीके से कराने के लिए कठोर कानून को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में इस कानून को लागू करने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। सरकार सिर्फ भर्ती परीक्षाओं को नकल विहीन कराने के लिए देश का सबसे कठोर कानून बनाने जा रही है। इसमें नकल करते पकड़े जाने वाले अभ्यर्थी अगले 10 वर्ष तक कोई भी परीक्षा नहीं दे सकेंगे। नकल कराने वालों की संपत्ति कब्जे में लेने के साथ ही गैंगस्टर लगाने का अधिकार भी दिया जा रहा है। सीएम धामी कहा कि यदि पेपर सेट करने वाली कंपनी ही पर्चा लीक करती है, तो संपत्ति जप्त करने के साथ ही उस पर ₹10 करोड़ का जुर्माना का प्रावधान भी किया जा रहा है। इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है। अब सिर्फ इसका परीक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला इरादा सभी गंदगी को साफ करना है, ताकि भविष्य में ईमानदार और बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ कोई नाइंसाफी न हो।