ब्रेकिंग: उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, इन मुद्दों पर विपक्ष मच सकता है हंगामा।

देहरादून – उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो जाएगा। सत्र के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले पर हंगामा होने के आसार हैं।

इन मुद्दों पर विपक्ष के तेवर तल्ख हैं। विपक्ष के संभावित हमलों का जवाब देने के लिए सत्तापक्ष ने भी रणनीति बनाई है। दोनों ही पक्षों ने विधानमंडल दल की बैठक में रणनीति को धार दी। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से सदन की कार्यवाही को सौहार्दपूर्ण ढंग से चलाने में सहयोग की अपील की।

अंकिता हत्याकांड : अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में सदन के भीतर और बाहर हंगामा होने के आसार हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष के तेवर काफी तल्ख दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस सवाल उठा रही है कि वह वीआईपी कौन है, जिससे अंकिता की मुलाकात कराई जानी थी। विपक्ष इसकी सीबीआई जांच चाहता है।

यूकेएसएसएससी भर्ती : विपक्ष उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती में हुए घोटाले की जांच को लेकर भी सवाल उठा रहा है। इस मुद्दे पर वह सरकार को घेरने का प्रयास करेगा। इस मामले में भी सीबीआई जांच की मांग उठ रही है।

विधानसभा में बैकडोर भर्ती : हाईकोर्ट की डबल बैंच के फैसले के बाद विधानसभा में बैकडोर से भर्ती हुए कर्मचारियों को बेशक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। लेकिन विपक्ष भाजपा सरकार में भर्तियों को दी गई स्वीकृति और विधानसभा में पूर्व में हुई भर्तियों के मामले में कार्रवाई न होने पर सवाल उठा सकता है।

वहीँ विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूड़ी भूषण ने कहा कि सदन में अपने क्षेत्र के मसलों का उठाना सदस्यों का अधिकार है। सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सभी सदस्यों और दलों से आग्रह किया गया है। मैं आशा करती हूं कि सभी सदस्य शांति और सौहार्द से सदन की कार्यवाही चलाने में पूरा सहयोग करेंगे। 

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों का उठाना विपक्ष का दायित्व है। हम अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे। कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाला समेत कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें सदन में उठाएंगे। हमारी आवाज को दबाने की कोशिश हुई तो इसे सहन नहीं किया जाएगा।

सत्र को लेकर संसदीय एवं विधायी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि नियमों और परंपराओं के अनुरूप सदन में सदस्य जो भी मुद्दे उठाएंगे, सरकार उनके जवाब देगी। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि सदस्यों के प्रत्येक प्रश्न और सूचनाओं का संतोषजनक जवाब मिले।

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