रिजार्ट पर बुल्डोजर चलाने से केस पर कोई फर्क नहीं पङेगा: शेखर सूयाल, एएसपी पौड़ी

पौड़ी – क्रिमिनल मामलों के विशेषज्ञों के अनुसार अंकिता केस मजबूत है। रिजार्ट पर बुल्डोजर चलाने से केस पर कोई फर्क नहीं पङेगा। क्राइम सीन रिजार्ट में नहीं है। धारा 27 के तहत आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवरी की गई है। किसी और ने बताया नहीं, आरोपियों ने बताया है। यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती तो केस कमजोर होता। वह रिजार्ट में नौकरी करती थी। फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिल जाएंगे।

पुलिस ने रिजार्ट पहले ही छान मारा था। ऐसे में बुल्डोजर चलाने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पडेगा क्योंकि घटना तो नहर पर घटी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से तय हो जाएगा।
इस बीच प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं और पानी में डूबने से मौत दिखाई है। संभवत अंकिता के साथ मारपीट की गयी और फिर उसे नहर में धकेल दिया गया। एसआईटी गठित हो चुकी है और पी. रेणुका की छवि एक कुशल और ईमानदार अफसर की है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here