हिमाचल प्रदेश में 23 दवाएं मानकों पर सही नहीं, केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन का अलर्ट

सोलन – हिमाचल प्रदेश में हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं समेत कुल 23 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं। देशभर में कुल 67 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। यह जानकारी केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य ड्रग कंट्रोलर की ओर से लिए गए सैंपल की जांच में सामने आई है।

सीडीएससीओ के 49 में से 20 और ड्रग कंट्रोलर के 18 में से 3 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। जिन 23 दवाओं का मानकों पर खरा नहीं उतरने का खुलासा हुआ, उनमें से 12 सोलन, 10 सिरमौर और एक कांगड़ा जिले में बनी हैं। ड्रग कंट्रोलर ने इन दवाओं के निर्माताओं को नोटिस जारी कर दिए हैं और उनके लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं। साथ ही, कंपनियों को इन दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

फेल हुई दवाओं की सूची

सिरमौर की पुष्कर फार्मा कंपनी की प्रसव में काम आने वाली ऑक्सीटोसिन और बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी में बनी हार्ट अटैक की दवा कैल्शियम ग्लूकोनेट, पांवटा साहिब की जी लेबोट्री कंपनी में बनी निमोनिया की सेफ्ट्रिएक्सोन, संक्रमण की जेंटामाइसिन और ब्लड शुगर की दवा जेनरिकार्ट के सैंपल फेल हुए हैं।

इसके अलावा, झाड़माजरी की इनोवो केपटेप कंपनी की निमेसुलाइड, सेलीब्रेटी बायोटेक कंपनी की सिप्रोविन, मखून माजरा की ऐरिसो फार्मास्युटिकल कंपनी की मोटोसेप के दो सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे।

कालाअंब के नितिन लाइफ साइंस की प्रोमेथाजिन, क्वालिटी फार्मास्युटिकल कंपनी की कैंसर की दवा इफोस्फामाईड, डिजिटल विजन कंपनी की बुप्रोन एसआर, बद्दी की सेफोपेराजोन, पाइपेरासिलिन के सैंपल भी फेल हुए हैं। इसके अतिरिक्त, साइलस रेमडीज की विटामिन-बी की न्यूरोपाइन दवा, सोलन स्थित जेएम लैब की ब्लड प्रेशर की दवा टोर्सेमि और अन्य कई दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई हैं।

इस रिपोर्ट से स्वास्थ्य सुरक्षा पर सवाल उठते हैं, और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।

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