प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी ने कांग्रेस को ही नहीं बल्कि कई अन्य दलों के साथ साथ क्षेत्रीय दलों को भी चुनावी रणभूमि में धराशाही कर दिया है. आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 3 ऐसी सीटें हैं जिन पर भाजपा अपने उम्मीदवारों को आराम देकर नए खिलाड़ियों को मैदान में उतार सकती है. दरअसल इसे उनकी उम्र का हवाला देने के साथ ही टिहरी सीट पर मौजूदा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह भी निशाने पर है. 2014 में जादुई आंकड़े के साथ केंद्रीय सत्ता में काबिज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह प्रयास रहेगा कि वह दोबारा प्रधानमंत्री बने जाहिर सी बात है कि आने वाला चुनाव भी मोदी के नाम पर ही लड़ा जाना है. सबसे बड़ी चुनौती उत्तराखंड में मौजूदा सरकार के ऊपर भी होगी क्योंकि अभी तक के आंकड़ों में यह पाया गया है कि जिस की सरकार उत्तराखंड में होती है उसके विपरीत उत्तराखंड की जनता ने 2009 और 2014 में अपना जनादेश दिया है यही कारण है कि पौड़ी सीट से भाजपा सांसद भुवन चंद्र खंडूरी नैनीताल सीट से भगत सिंह कोश्यारी और टिहरी सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह को भारतीय जनता पार्टी आराम दे सकती है हालांकि संकेतों के तौर पर अभी सिर्फ पौड़ी सीट के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल का नाम सामने आ रहा है. हल्द्वानी में शौर्य के उत्तराखंड की सियासत में कदम जिस तरह से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं और खास करके प्रदेश कार्यसमिति में जिस तरह से विशेष आमंत्रित सदस्य का दर्जा भाजपा ने उन्हें दिया है उससे यह स्थिति तो स्पष्ट हो गई है की शौर्य डोभाल को पौड़ी लोकसभा सीट के लिए भाजपा प्रोजेक्ट करने की तैयारी में है शौर्य डोभाल के बारे में कहा जाता है कि वह विदेश नीति और आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार हैं.