
नई दिल्लीः हर किसी की पास जिंदगी में कोई ना कोई बुरी याद जरूर होती है. कईयों की यादें इतनी डरावनी होती हैं कि उसे भुलाने में उन्हें सालों लग जाते हैं जबकि कई लोग बुरी यादों को भुलाने के लिए ड्रग एडिक्शन का शिकार हो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं अब आप बुरी यादों आसानी से मिटा सकते हैं.

क्या कहती है रिसर्च-
जी हां, हाल ही में आई एक रिसर्च के मुताबिक, कुछ फीयर न्यूरोन्स को ट्रॉमैटिक मेमोरी से डिलीट कर ड्रग एडिक्शन से बच सकते हैं. कनाडियन शोधकर्ताओं ने इसे डवलप करते हुए चेताया है कि लेकिन इस टेक्नीक में कई एथिकल इम्प्लकेशन हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
टोरंटो यूनिवर्सिटी के डॉ. शीना जोसलिन का कहना है कि इस टेक्नीक का एक नुकसान ये हो सकता है कि बुरी यादों को मिटाने से गलतियों से सीखने के प्रोसेस को आप नहीं सीख पाएंगे. शोधकर्ताओं ने डरावनी यादों को एक्टिवेट करने और मिटाने दोनों में सफलता हासिल की है.
इससे पहले आई रिसर्च में हाईलाइटेड कलेक्शंस ऑफ न्यूरोंस को ‘एन्ग्राम्स’ के नाम से जाना जाता है.
कैसे काम करेगी ये टेक्नीक-
कनाडियन शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च में पाया कि कुछ न्यूरोंस डरावनी यादों को कम्पीट करने और मिटाने के लिए रिक्रूट किए जा सकते हैं. ब्रेन में मौजूद मिलियंस न्यूरोन्स में से केवल कुछ ही ऐसे होते हैं जो भय और डरावनी सिचुएशन से ऐसोसिएट होते हैं.
बाकी मेमोरी को नहीं होगा नुकसान-
शोधकर्ताओं ने ये भी पाया है कि ये भी संभव है कि ये न्यूरोंस फीयर मेमोरी में उस समय व्यस्त हो जाते हैं जब ब्रेन एक तरह के प्रोटीन को ओवर प्रोड्यूस करता है. लेकिन इन बुरी यादों से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए टारगेटिड न्यूरोंस को प्रभावशाली तरीके से मेमोरी से हटाया जा सकता है. अच्छी बात ये है कि इससे बाकी मेमोरीज इफेक्ट नहीं होंगी.



