हरिद्वार डीएम विनय शंकर पांडेय की पड़ोसी राज्यों में क्यों हो रही चर्चा, पढ़िए…

हरिद्वार (एस.एस.तोमर) – देवभूमि का कांवड़ मेला इस बार ख़ास है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद कुशल जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने जिस तरह सभी विभागों को साथ लेकर मेले के लिये बेहतर व्यवस्थाओं का जो खाका तैयार किया। उसी का नतीजा है कि मेला सकुशल चल रहा है, अपनी कड़क मिजाजी और स्पष्टवादिता के लिये जाने जाने वाले जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने खुद व्यवस्थाओं को परखा।

उन्होंने कांवड़ पटरी का एक बार नहीं बल्कि 7 से 8 बार स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों को देखा और सफाई के साथ शुद्ध पेयजल और बिजली की उपलब्धता को सुनिश्चित कराया। मेला बाजार हो या शहर के वो रास्ते जहां से कांवड़िए गुजरते है खुद जिलाधिकारी ने उन रास्तों को पैदल नापा, साथ ही मोटर बोट मे बैठकर भी चीज़े देखी, ताकि वो खुद दिक्कतों से रूबरू हो।

 

कोरोना काल के बाद कांवड़ का ये पहला मेला है, जिसमें असंख्य शिव भक्त जल लेने आ रहे है। ऐसे में जिलाधिकारी को मालूम था कि भक्तों के लिए व्यवस्थायें बेहतर होनी चाहिये। यही कारण रहा कि जिलाधिकारी पांडेय ने खुद मोर्चा संभाला। दिन हो या रात जिलाधिकारी सड़कों पर ही अपनी टीम के साथ सब पर नजर रखे हुए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने भी मेले की व्यवस्थाओं को बेहतर बताया।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार जाकर शिव भक्तों को चरणों को धो कर उनका आर्शीवाद लेते हुए प्रदेश में स्वागत किया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी और एसएसपी ने कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की।

ऐसा पहली बार हुआ है उत्तराखंड के बाद उत्तर प्रदेश में हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए। इस बार के मेले की खास बात ये भी है कि बेहतर व्यवस्थाओं के कारण व्यापरियों और स्थानीय लोगों को भी कोई परेशानी नहीं हुई। कहा जाता है कि जानकारी और तजुर्बा किसी भी काम को सफलता की मंजिल तक पहुंचा देता है। यही जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के साथ है, वो जनता के बीच जाकर जानकारी और तजुर्बे को ढाल बनाकर व्यवस्थाओं का खाका तैयार करते है, जिससे कांवड़ व्यवस्थाओं की चौतरफा तारीफ हो रही है।

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