छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह ने सुकमा में नक्सल हमले में 25 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों के शहीद होने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को जोरदार ढंग से हमले की निंदा की और कहा कि वह इस मामले पर सीआरपीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अफसरों से बात करेंगे ।
सिंह ने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। शहीदों के लिए हमारे दिल में दर्द हैं। हम उस क्षेत्र में जल्द ही हमारी रणनीतियों पर पुनर्विचार करेंगे। मैं सीआरपीएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियो के साथ बैठकर उनके साथ बात करूँगा।”
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि नक्सली विकास कार्यों में बाधा पैदा कर रहे हैं और सरकार जल्द से जल्द इस पर काम करेगी।
“मैंने इस घटना के संबंध में गृह सचिव से बात की है। यह घटना बहुत बड़ी है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं इसे एक चुनौती के रूप में मानता हूं। मैंने राज्य मंत्री हंसराज अहिर को छत्तीसगढ़ पहुंचने का आदेश दिया है। मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, रमन सिंह से बात करने की कोशिश कर रहा हूँ, और बाद में यह फैसला करूँगा कि मुझे छत्तीसगढ़ जाना चाहिए या नहीं। नक्सली विकास कार्यों में बाधा पैदा कर रहे हैं। माओवादी सरकार द्वारा बनाई गई सुविधाओं को लोगो तक पहुंचने से वंचित कर रहे हैं।
“छत्तीसगढ़ के सुकमा क्षेत्र में हुआ हमला दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सीआरपीएफ हमेशा उन इलाकों में उत्कृष्ट काम कर रही है, लेकिन आज यह एक बुरा दिन है।।
एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ राज कादनन ने शहीद हुए जवानों के परिवार की तरफ सहानुभूति व्यक्त की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सुकमा में सीआरपीएफ के जवानों पर हमले की निंदा की है, वामपंथी चरमपंथियों ने इसे सुरक्षा बलों पर एक नासमझ और क्रूर हमले के रूप में वर्णित किया।
सोनिया गांधी ने कहा, “छब्बीस बहादुर सैनिको का बलिदान देश के लिए एक बड़ा नुकसान है। ऐसे हमलों से कभी भी चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई नहीं रोकनी चाहिए,” ।
गांधी ने शहीद हुए जवानों के मित्रों और परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की और घायल लोगों जल्द स्वस्थ और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।
इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले को कायर और दु: ख के रूप में कहा और कहा कि शहीद हुए जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं होगा।