देहरादून- उत्तराखण्ड के टैक्सी मैक्सी संचालकों द्वारा आज स्पीड गवर्नर के विरोध में हड़ताल रखी गई। टैक्सियों का संचालन बन्द होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। राज्य में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर राज्य में चलने वाली टैक्सी मैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने पर निर्णय लिया गया था। उत्तराखण्ड परिवहन विभाग द्वारा इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी आरटीओ को दिशानिर्देश दिये गये, लेकिन सूबे में चलने वाली टैक्सी मैक्सियों के संचालको द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि पुरानी टैक्सियों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने की कोई जरूरत नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रें में चलने वाली इन टैक्सियों की स्पीड वैसे भी सामान्य तौर पर 30-40 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं होती है, क्योंकि राज्य की सड़कें इतनी अच्छी नहीं है कि इन पर 60-70 की स्पीड में टैक्सियों को दौडाया जा सके। उनका कहना है कि यह टैक्सी संचालकों को बेवजह परेशान करने का एक जरिया है।
जिन टैक्सियों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे हैं उनका आरटीओ कर्मियों द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। टैक्सी संचालकों द्वारा स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता के विरोध में लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है। अनेक टैक्सी मालिकों द्वारा अपनी टैक्सियों के कागजात आरटीओ में जमा करा दिये गये हैं और टैक्सी संचालन का काम बंद कर दिया गया है। इनकी मांग है कि स्पीड गवर्नर की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए। सूबे की सड़कों पर दौडने वाली इन हजारों टैक्सियों को ही पहाड़ की लाइफलाइन कहा जाता है। टैक्सी संचालकों द्वारा आज टैक्सियों का संचालन बंद करने से पहाड़ और चार धाम यात्र पर जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। राजधानी दून सहित पूरे राज्य में आज टैक्सियों का संचालन बंद रहा और यात्री परेशान रहे।