केंद्र में डीजी सीआइएसएफ के पद पर तैनात उत्तर प्रदेश कैडर के आइपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस के नए महानिदेशक होंगे। ओपी सिंह आज रिटायर हो रहे सुलखान सिंह की जगह लेंगे। पटना बिहार के गया जिले के रहने वाले आईपीएस ऑफिसर ओपी सिंह 3 जनवरी 2018 को यूपी के नए डीजीपी की कमान संभालेंगे। उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में मां का काफी योगदान रहा। जो मां कभी घर के बाहर कदम नहीं रखती थी। उसे बेटे की पढ़ाई के लिए 10 साल तक खेती करानी पड़ी।
पिता की मौत के बाद माँ के कंधो पर थी परिवार की जिम्मेवारी…..
आइपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह के बड़े भाई डॉक्टर प्रकाश सिंह ने बताया कि ओपी मुझसे तीन साल छोटे हैं।ओमप्रकाश सिंह की पढ़ाई पहले गया में हुई। इसके बाद रांची संत जेवियर से इंटर किया। इस दौरान मैं भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था। उनके मुताबिक अचानक एक दिन पिता शिवधारी सिंह की मौत हो गई। तब पिताजी के बैंक अकाउंट में मात्र 603 रुपए थे।
भाई डॉक्टर प्रकाश सिंह का कहना है कि पिता की मौत के बाद घर परिवार चलाने में काफी परेशानी हुई। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि परिवार कैसे चलेगा। उनकी माने तो मां प्यारी देवी कभी घर से बाहर पैर नहीं रखती थी। परेशानी देख उसने खेती कराने का फैसला किया। वह चाकन में खेतीबारी का अपना काम देखने लगीं। उसी पैसे से भाई और मेरी पढ़ाई का खर्चा चलने लगा।
डॉ. प्रकाश ने कहा कि यह सिलसिला 1973-83 तक चलता रहा, जिसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद मैं गया आ गया। इन दस सालों के दौरान ओपी दिल्ली विवि में एमए गोल्ड मेडलिस्ट बन गए और वहां पढ़ाने लगे, जिसके बाद परेशानी कम होने लगी। ओपी 10 दिन पहले ही गया में एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए आए थे। जब भी मौका मिलता है वह गांव जरुर आते हैं।
केंद्र और यूपी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा चुके है ओपी सिंह
आइपीएस अधिकारी ओमप्रकाश सिंह वर्तमान में सीआईएसएफ डीजी के पद पर तैनात हैं। वह 1983 बैंच के यूपी कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। वह केंद्र और यूपी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं। ओपी सिंह को 1993 में बहादुरी के लिए इंडियन पुलिस मेडल, 1999 में सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस मेडल और 2005 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है।