हम दफ्तर और घर के बीच एक फासला रखना पसंद करते हैं लेकिन कई बार ऐसा चाहकर भी नहीं कर पाते हैं। अगर आपके रिश्ते में भी दफ्तर का तनाव जगह बना रहा है तो उससे बचाव के लिए प्रयास करने की जरूरत है। कुछ लक्षण हम सुझा रहे हैं जो बताते हैं कि किस तरह आपका रिश्ता कामकाजी जिंदगी के तनाव की वजह से प्रभावित हो रहा है।
- यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ फिल्म देखते हुए, दोस्तों के बीच या निजी पलों में भी अपने काम में ध्यान लगा रहे हैं तो मानिए कि आप अपनी व्यक्तिगत और वैवाहिक जीवन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आप अपने रिश्ते पर अनावश्यक दबाव डाल रहे हैं।
- आप जब घर लौटते हैं तो इतने थके हुए होते हैं कि अपने साथी के साथ समय नहीं बिता पाते हैं। तो आपका साथी इससे बुरी तरह से प्रभावित होता है। और वह इस स्थिति पर नोटिस करता है।
- यदि आपके पास अपने साथी से सिवा अपने कामकाज की बात करने के अलावा कुछ और नहीं है तो कुछ दिनों बाद आपका साथी आपका करियर थैरेपिस्ट बन सकता है। वह आपको राय देगा कि अब आगे आपको क्या करना है। लेकिन यह स्थिति आपके व्यक्तिगत जीवन के लिए ठीक नहीं है।
- यदि आप अपने जीवन के महत्वपूर्ण मौकों पर देर से आते हैं या फिर लगातार उन्हें टालते रहते हैं, क्योंकि आप व्यस्त हैं तो आपका साथी धीरे-धीरे इससे अपमानित महसूस करेगा और उसे यह अनुभव होगा कि आपके जीवन की प्राथमिकता वह नहीं, बल्कि काम है।
- यदि आप अपने साथी से पूछें कि उसका दिन कैसा रहा और वह चुप रहता है तो समझ लें कि यह खतरे की घंटी है। हो सकता है वह आपके दफ्तर की बातें सुन-सुनकर यह अनुभव करने लगा है कि आप बहुत परेशान है और उसमें वह अपनी परेशानी नहीं जोड़ना चाहता हो।
- आप अपने साथी से ज्यादा वाद-विवाद करते हैं। इसका मतलब है कि आप अपने साथ तनाव लेकर घर जाते हैं, और आप इतने चिढ़चिढ़े हो जाते हैं कि अंतत: अपनी सारी चिढ़ आप अपने साथी पर निकालते हैं। जबकि उसका किसी चीज से कोई लेना-देना ही नहीं होता है। अगर ऐसा है तो इसे दूर कीजिए।
- यदि आपके साथी की मुद्रा आपके दफ्तर की बात पर बहुत रक्षात्मक है यानी कि वह आपके विवाद में हाथों को बांधकर, नजरें चुराकर आपकी बात सुन रहा है, इसका मतलब है कि वह आपके काम से पीड़ित हो रहा है। यह रिश्ते में दूरी पैदा करता है।
- हर नए के प्रति दुराग्रह हो। यदि आपकी नौकरी में कोई नया परिवर्तन जैसे कि कोई नई जिम्मेदारी, नया बॉस या नए विभाग में ट्रांसफर होता है और आप ऐसी-ऐसी बातों पर अपने साथी से झगड़ा करने लगते हैं, जिन पर पहले कभी नहीं लड़े तो सावधान हो जाइए।
- यदि आप अपने साथी के प्रति धैर्य खो चुके हैं, या आपका साथी आपके प्रति ध्ौर्य खो चुका है। यदि आपका साथी आपके काम को लेकर गुस्सा करता है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि वह आपके काम से परेशान है, बल्कि वह इस तरह से आपकी मदद करना चाहते हैं। बस यह गुस्सा दूसरी तरह से बाहर आ रहा है।
- आप सामाजिक संबंध निभाने के लिए तैयार नहीं हैं। यदि आपको यह अहसास हो रहा है कि आपका दिमाग कहीं और है, तो आपका साथी इसे तुरंत पकड़ लेगा। यदि आप काम से घिरे हुए हैं और आप काम घर लेकर आ रहे हैं यहां तक कि आप वीकेंड्स में भी काम कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। आप खुद को सामान्य सामाजिक संबंधों से काट रहे हैं, जिसे आप अपने साथी के साथ एंजॉय कर सकते थे।
- आप अपने साथी के साथ बहुत कम वक्त बिताते हैं क्योंकि आप अक्सर अपने काम में व्यस्त रहते हैं। यदि आप देर रात तक ऑफिस में काम करते हैं और अक्सर वीकेंड में भी ऑफिस जाते हैं या फिर घर में काम लेकर आते हैं तो आप अपने व्यक्तिगत जीवन का नुकसान कर रहे हैं। इसका असर आपके रिश्तों पर भी पड़ेगा।
- आपने अक्सर यह अनुभव किया होगा कि आपका साथी आपको बहुत नहीं सुनता है। अक्सर जब आप बोलते हैं, तब वह कुछ और करने लगता है, वह आपसे नजरें नहीं मिलाता है, तो समझें कि आपका रिश्ता मुश्किल वक्त से गुजर रहा है।
- आपने हरेक को खुश करने के लिए लगातार त्याग किया है। आप हर सुबह दो घंटे पहले उठते हैं ताकि आप रात में जल्दी घर आ सकें। क्या आपने अपने व्यक्तिगत शौक और व्यायाम को काम के लक्ष्य हासिल करने के लिए ताक पर रखा हुआ है, तो संभलिए…।
- यदि आप अपने साथी से जब भी बात करते हैं, तब अपने करियर और काम ही बातें करते हैं। आपके पास दुनिया जहान की, दोस्त-परिवार की, फिल्म-फैशन की या फिर अपनी व्यक्तिगत जीवन की कोई बात नहीं है तो यह चिंता का विषय है। इन लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है।