मास्को: रूस के बर्फीले साइबेरिया में भेड़ियों से भरे जंगल में तीन साल एक बच्चा तीन दिनों तक अकेले फंसा रहा. सेरिन डोपचट नाम का यह बच्चा जब जंगलों में खोया, तब उसकी जेब में कुछ चॉकलेट थे. इसे ही खाकर वह इतने दिनों तक ठंड का सामना करता रहा. फिलहाल वह एक अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है.
रिपोर्ट के मुताबिक, डोपचट अपने पालतु कुत्ते के साथ खेल रहा था, तभी अचानक लापता हो गया. उसकी तलाश में बड़ा अभियान चलाया गया और तीन दिनों बाद वह अपने गांव से तीन किलोमीटर दूर जंगल में मिला.
एपीएफ के मुताबिक, स्थानीय प्राधिकरण के प्रवक्ता डोलाना सैलचक ने बताया, ‘डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे सदमे से उबर चुका है और उसकी स्थिति काफी हद तक संतोषजनक है.’ उन्होंने बताया कि वह ठंड लगने के बावजूद उसे कोई दूसरी बीमारी नहीं हुई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने बताया कि उसकी जेब में कुछ चॉकलेट थे, जिसे वह खाता रहा और एक बड़े पेड़ के नीचे रातें गुजारीं. उसे पेड़ पेड़ की जड़ों के बीच एक सूखा स्थान मिल गया, जहां वह इस बीच सोया करता.’
मंगोलिया सीमा से सटा टूवा नाम का यह इलाका भेड़ियों और भालुओं से भरा हुआ है. इस इलाके में भारी ठंड पड़ती है और तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर जाती है. ऐसे में इस बच्चे यूं जिंदा मिलना चमत्कार जैसा माना रहा है.