नोटबंदी के इस दौर में समाजवादी परिवार में अभी भी वापसी और बर्खास्त का खेल चल ही रहा है। बीते दिन दिए भाषण के बाद पार्टी में फिर से रामगोपाल यादव की नो एंट्री को हटा दिया है।
सपा परिवार में घमासान का अंत होगा या नही ये तो कोई नही जानता। पर पार्टी में चल रहा ड्रामा जारी है।
रामगोपाल यादव ने पार्टी में ग्रेंड एंट्री लेते हुए पार्टी सुप्रीमों मुलायम के तारफ के पुल बांधे। इस दोरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये तो होना ही थी। मेरी पार्टी में वापसी नेताजी की कृपा है। अपनी घर वापसी पर उन्होंने कहा कि मैं तो घर में ही था। मैं पार्टी से जरूर निकाला गया था लेकिन मैं हमेशा से पार्टी में था। रामगोपाल ने कहा, ‘नेता जी बड़े दिल के इंसान हैं. देश में उनसे शानदार नेता कोई नहीं है. नेता जी मेरे खिलाफ कभी नहीं थे. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया था. नेता जी ने अपने मन से यह फैसला लिया है. इस फैसले से पार्टी के सभी लोग खुश हैं. मैं इसके लिए नेता जी को धन्यवाद देता हूं.’
रामगोपाल यादव के इस बयान के बाद ये तो साफ है कि वो मुलायम को अपनी तरफ से साफ संकेत दे रहे है कि उनके दिल में मुलासम के लिए कोई रंज नही है। साथ रामगोपाल ने शिवपाल यादव पर भी अपनी कृपा बरसाते हुए कहा कि ‘शिवपाल मेरे छोटे भाई हैं. छोटे अगर गलती करें तो बड़ों को माफ कर देना चाहिए.’ इसी बीच शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की भी मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के बाद पता चलेगा कि शिवपाल चचेरे भाई रामगोपाल यादव की “एकस्ट्रा स्वीटनेस” उगलते है या निगलते है।