श्रीनगर:कर्फ्यू के बीच भगवान शिव भक्ति की प्रतीक ‘छड़ी मुबारक’ शनिवार को वार्षिक अमरनाथ यात्रा में शामिल हुई जो दक्षिण कश्मीर के 3880 मीटर उंचे पर्वत पर चलने वाले 48 दिनों की तीर्थयात्रा का समापन चरण है।
अधिकारियों ने कहा कि वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच साधुओं और तीर्थयात्रियों के एक समूह ने महंत दीपेन्द्र गिरी के नेतृत्व में भगवा वस्त्र में लिपटे दण्ड को इसके स्थान लाल चौक के नजदीक अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा से आज सुबह पहलगाम आधार शिविर के लिए रवाना किया गया जो पवित्र गुफा की तरफ 42 किलोमीटर लंबा परम्परागत मार्ग है। उन्होंने कहा कि पहलगाम के रास्ते में इसे विभिन्न मंदिरों में ले जाया गया जिसमें मट्टन का ऐतिहासिक मार्तंड मंदिर भी शामिल है।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर के सुरेश्वर मंदिर, पुलवामा के पम्पोर स्थित शिव मंदिर, बिजबेहरा के शिव मंदिर, गणेशबल में लीड्ड नदी के पास गणेश मंदिर और अनंतनाग जिले में गौरी शंकर मंदिर में भी पूजा..अर्चना की गई। छड़ी मुबारक 18 अगस्त को ‘रक्षा बंधन’ के दिन गुफा में पहुंचेगी जो वार्षिक यात्रा के खत्म होने का आधिकारिक संकेत है।
यात्रा दो जुलाई को अनंतनाग में पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग से शुरू हुई। अभी तक गुफा में दो लाख 19 हजार लोग दर्शन कर चुके हैं। इस महीने की शुरूआत में छड़ी मुबारक को विभिन्न मंदिरों में ले जाया गया जिसमें शहर का शंकराचार्य और शारिका भवानी मंदिर भी शामिल है।
परम्परा के मुताबिक इन मंदिरों में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं। दशनामी अखाड़े में पांच अगस्त को ‘छड़ी स्थापना’ और ‘ध्वजारोहण’ समारोह भी आयोजित हुए जिसके बाद सात अगस्त को परम्परागत छड़ी पूजन आयोजित हुआ।