क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें गे या लेस्बियन अजूबे लगते हैं. लगता है हाय!!!!! ये तो बहुत गलत कर रहे हैं. उतना ही गलत जितना पांच ‘!!!!!’ लगाना. आपका भी मानना है, कि इन लड़कियों को एक ढंग का ‘मर्द’ मिल जाए तो ये ‘ठीक’ हो जाएं. समलैंगिकता आपको पाप या अपराध लगती है. आप होमोफोबिक हैं. आपको भी लगता है ये सेक्स कैसे करते हैं? या आप उनसे ऐसे बिहेव करते हैं. मानो वो अलग हों. और ये सब न भी हो तो आपके मन में बहुत से सवाल उठते हैं. और ये सवाल आप बेतुके ढंग से पूछने से बाज भी नहीं आते तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है. जिसे ‘ऑडनारी’ के लिए दीपनिता साहा ने लिखा था. हिंदी में आपके लिए हम लाए हैं.   

समलैंगिक होना बहुत मुश्किल है. मैं पॉलिटिक्स की तो बात ही नहीं कर रही. न इस पर कि मैं एक ऐसे देश में रहती हूं. जहां सेक्शन 377 अब भी लागू है. न मैं ये बता रही कि मेरे लिए डेट (साथी) खोजना कितना मुश्किल है. (मन ही मन रोना आ रहा है). एक समलैंगिक उस पर भी महिला होने के लिए सबसे मुश्किल अपने आस-पास वालों के बेहूदे सवालों का जवाब देना है. मतलब, मैं मानती हूं कि लोग चीजें जानना चाते हैं. मुझ में भी जिज्ञासा है, पर लोग खुद से गूगल क्यों नहीं कर लेते? इसलिए मेरे ‘स्ट्रेट दोस्तों’ भगवान के लिए या मोदी के लिए, ऐसे बेहूद सवाल पूछना बंद करोगे ?

लेकिन तुम समलैंगिक नहींं लगती हो.

मुझे माफ करना, मैं भूल जाती हूं कि मुझे हमेशा वो सतरंगी झंडा पहनकर रहना होगा. एक टोपे की तरह. उसे हमेशा गले में बांधकर ही चलना होगा. नहीं! किसी को भी किसी तरह से दिखना जरूरी नहीं होता. मैं एक इंसान जैसा दिखती हूं. बात खत्म.

तो क्या तुम थ्रीसम करना चाहती हो?

मां कसम, अगली बार मैंने ये सवाल टिंडर या असल जिंदगी में सुना, तो शायद मैं किसी को गोली मार दूंगी. इन मर्दों के साथ क्या दिक्कत है. हमेशा दो लड़कियों के साथ सोने का सपना देखते रहते हैं? मतलब, हो सकता है ऐसा सोचना हॉट हो. पर, अगर हमें दिलचस्पी होगी तो हम खुद ही इनवाइट कर लेते. इतने सवाल नहीं पूछते.

फ्रेंड्स का सीन याद है, जब रॉस ने अपनी एक्स वाइफ कैरॉल और लवर सुसैन के साथ एक साथ सेक्स का ट्राई किया था? याद है उससे कैसा रायता फैला था?

इस रिलेशन में मर्द कौन है?

पिछली बार जब मैंने इस पर गौर किया तो हम दोनो ही औरतें थी. मतलब, हमारे लेस्बियन होने का यही कारण है न ?

सेक्स कैसे करते हो?

हम सांप-सीढ़ी खेलते हैं, अपने-अपने बिल्लियों को एक साथ झप्पी करते हैं. और चुड़ैलों जैसे चीखते हैं! दो जन कैसे सेक्स करते हैं, इससे क्या फर्क पड़ता है? शायद आपको  पता हो कि सेक्स के लिए दूसरे तरीके भी होते हैं. और एक बात जानते हो. एक रिसर्च में पाया गया कि सेक्स के समय स्ट्रेट महिला ऑर्गेज्म फील करे. इसकी उम्मीद अन्य ऑरिएंटेशन की महिलाओं की तुलना में कम होती है. इसका मतलब दो महिलाएं बंद कमरे में जो भी कर रही है, शायद वो सही है.

 तुम मर्दों से नफरत क्यों करती हो?

अहा, मैं मर्दों से नफरत नहीं करती. मैं बस उनके साथ सेक्स नहीं करती. सच्चाई ये है कि मेरा बेस्ट फ्रेंड एक लड़का ही है. जी हांं लड़का है. और मर्दों से नफरत करने के लिए मेरा लेस्बियन होना जरूरी नहीं. उनसे नफरत करने के लिए और भी बहुत से कारण है.

तुम कैसे जानती हो कि तुम लेस्बियन हो, जब तुम किसी मर्द के साथ सोई ही नहीं?

सिंपल, मैं मर्दों की तरफ अट्रैक्टेड हूं ही नहीं. ये बात इतनी साफ़ है, जैसे मैं ये जानती हूं कि मैं भुनी हुई तितलियां नहीं खाना चाहती. और एक बात, आप कैसे जानते हैं कि आप गे नहीं हैं, जब तक कि आप किसी सेम सेक्स के इंसान के साथ सोए ही नहीं.

क्या तुम खुद को देखकर उत्तेजित हो जाती हो ?

ये शायद मेरे जिंदगी में पूछे गए सारे सवालों में सबसे वाहियात सवाल है. हां मैं डिस्ट्रैक्ट हो जाती हूं,  काश, काश कि कोई लेस्बियन परी होती जो ऐसे बेवकूफ लोगों को एक छड़ी घुमाकर गायब कर देती.

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