हर धर्म में अंतिम संस्कार के अपने अलग-अलग रिति-रिवाज होते हैं कहीं शव को जलाया जाता है तो कहीं पक्षियों के लिए फंक दिया जाता है इसी प्रकार मुस्लिम समाज में शवों को दफनाने की प्रथा है। जिस जगह पर शव दफनाये जाते हैं उन्हें कब्रिस्तान कहा जाता है। हर शहर, हर राज्य और हर देश में आपको अनेकों कब्रिस्तान मिल जाएंगे जहां मुस्लिम लोग शवों को दफनाते हैं, दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान में लगभग 50 लाख से भी अधिक शव दफन हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान-इराक
बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान इराक के शिया बहुल क्षेत्र नजफ में स्थित है, जिसका नाम वादी-अल-सलाम [Wadi Al-Salaam) है, इसको वैली ऑफ पीस (valley of Peace) भी कहते हैं। यह कब्रिस्तान लगभग 1,485.5 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
चैकाने वाली बात है कि इस कब्रिस्तान में लगभग 5 मिलियन यानी की 50 लाख से अधिक लोगों के शव दफन हैं। यह कब्रिस्तान अब सिर्फ लोगों को दफन करने के लिए ही नहीं माना जाता है बल्कि यह जगह अब एक टूरिस्ट प्लेस भी बन गई है। हर साल यहां दुनियाभर से लोग इस जगह को देखने के लिए आते हैं।
वैसी ऑफ पीस
वैली ऑफ पीस नाम का यह सबसे बड़ा कब्रिस्तान इराक में पहले शिया इमाम और मुहम्मद के चैथे उत्तराधिकारी इमाम अली इब्न अबी तालिब(Imam Ali ibn Abi Talib) की पवित्र कब्रगाह के पास स्थित है।
विश्व धरोहर बना सकता है-यूनेस्को
अजीब बात है कि इस कब्रगाह में शवों को भूमिगत अलग-अलग सेक्शन में दफनाया जाता है और एक सेक्शन में 50 शवों को दफनाया जा सकता है। शवों को दफनाने वाली जगह की देखभाल करने वाले को Marja कहा जाता है।
विश्व के सबसे बड़े कब्रिस्तान में लगभग 1400 सालों से भी ज्यादा समय से रोज मुस्लिम समुदाय के लोगों के शव दफन किये जाते हैं और अब इस जगह को यूनेस्को (UNESCO) विश्व विरासत धरोहरों में शामिल करने का विचार कर रही है।
रोजाना दफनाए जाते हैं 100 से अधिक शव
एक अनुमानित रिर्पोट के अनुसार इराक युद्ध के दौरान इस जगह पर रोजाना करीब 200 से 300 लोगों के शवों को दफनाया गया था और अब यह संख्या घटकर लगभग 100 के आसपास तक पहुँच चुकी है।
शवों के एक शहर जैसा है कब्रिस्तान
संभावना जताई जाती है कि इस कब्रिस्तान में लगभग 50 लाख से भी अधिक लोगों के शव दफन हैं, 50 लाख शवों की संख्या के अनुसार एक शहर का निर्माण हो सकता है।