सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लालू प्रसाद यादव को एक बड़ा झटका दिया और कहा कि राजद के प्रमुख और अन्य आरोपी पर 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में हर मामले के लिए अलग-अलग मुकदमो का सामना करना होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया है, जिसमे कहा गया था कि चारा घोटाले में एक साजिश थी और इसलिए लालू पर अलग से मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
लालू के साथ, जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व शीर्ष नौकरशाह सजल चक्रवर्ती भी इस मामले में मुकदमे का सामना करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि अदालत ने नौ महीने के भीतर मुकदमा पूरा करना होगा ।
लालू प्रसाद के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में झारखंड उच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हाई कोर्ट ने कानून के सिद्धांत को नजरअंदाज करते हुए लालू प्रसाद को राहत दे दी।”
अदालत ने लालू प्रसाद के खिलाफ अपील दर्ज करने में देरी के लिए सीबीआई पर भी जमकर बरसी।