नई दिल्ली: शादी का बंधन एक ऐसा बंधन है जो सात जन्मों को जैसे होता है। शादी के कुछ साल बाद ही पति-पत्नी के रिश्तें में बदलाव आने लगते है। समय के साथ-साथ दोनों के बीच व्यवहार में बदलाव आ जाता है। लेकिन अगर सफल दमपति हुए तो उनके चेहरें से सिर्फ सुकून का एहसास ही नही झलकता है बल्कि व्यक्तित्व विकास, सामाजिक व्यवहार में भी निखार आता है। इसलिए जरूरी है कि प्यार को यूं ही बनाए रखे औऱ इसे बढ़ानें का भरसक प्रयास भी करें। जानिए कुछ ऐसे उपाय के बारें में जिससे आपकी मैरिज लाइफ में हमेशा प्यार बना रहेगा।

हर सुख-दुख में साथ रहें
एक शादी के बाद पति-पत्नी का हर सुख-दुख एक हो जाता है। चाहे फिर वो पति के साथ हो या पत्नी के साथ इसलिए इससे कभी पीछा नही छुडाना चाहिए। कभी यह मत सोचें कि यह उसकी समस्या है तो मुझे क्या करना है बल्कि यह सोचें कि वो गम भी मेरा है। ऐसा करने से आपकी मैरिज लाइफ हमेशा हैप्पी रहेगी।

उतार-चढाव में रहें साथ
जीवन में   कई  उतार-चढाव आते है जिसका सीधा असर आपके रिश्ते पर प़डता है। यदि कभी आपको कोई फैमिली परेशानी, फाइनेंशियल परेशानी हो या फिर कोई दूसरी समस्या हो तो आप इश समय एक दूसरें का सेथ दें नाकि एक-दूसरें पर दाष रोपे। ऐसा करने से आपस में झगड़े बढेगें। ऐसे करने के बजाय आपस में मिलकर उस समस्या से निकलनें का प्रयास करें। जिससे समस्या दूर होगी औऱ आपके बीच पहले से भी अधिक प्यार बढ़ जाएगा।

एक-दूसरें के ऊपर शक करना
विश्वास किसी भी रिश्ते की सबसे बड़ी नीव होती है। यदि कही भी आप गलत नही है लेकिन आप अपने जीवनसाथी से बातें छिपाकर उसका विश्वास तोड रहें है। आपके किसी व्यवहार, एक-दूसरें में शक करना, गलतफहमियों को दूर न करना ही शक को जन्म देता है। अपने जीवनसाथी को विश्वास दिलानें के लिए आपको कहना होगा कि आप उसके साथ है और वो हर बात आप से शेयर कर सकते है बिना हिचके हुए।

हर फैसला साथ में करें
फैसला चाहे जैसा भी हो छोटा हो या बडा दोनों को साथ मिलकर करना चाहिए. क्योंकि अकेले फैसले लेने से कभी-कभी गलत फैसला ले लेते है। इसलिए पति-पत्नी को साथ बैठकर फैसला लेना चाहिए। ऐसा करने से गलत होने की संभावना कम होती है। यदि फिर भी फैसला नही लें पा रहें तो अपने परिवार के साथ मिलकर बात करें। इससे आपसी प्यार भी बढ़ेगा।

एक-दूसरें से बातचीत
वैवाहिक जीवन में तनाव या परेशानियां उस समय में ज्यादा होती हैं जब पति-पत्नी एक दूसरे से अपने मन की बात या भावनाएं शेयर नहीं करते। इससे आप अन्दर ही अन्दर घूटते रहते है। जिसके कारण आपके अंदर गुस्सा औऱ चिड़चिडापन बढ जाता है जो रिश्तें में खटास उत्पन्न कर देता है। इसलिए अपने बातों का जरिया हमेशा बनाए रखना चाहिए।

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