अयोध्या (उत्तरप्रदेश): कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा अर्चना की। हालांकि राहुल उस शिलान्यास स्थल से भी दूर रहे जहां वर्ष 1989 में राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी गयी थी. मंदिर के महंत ज्ञानदास के साथ उन्होंने बंद कमरे में बातचीत की। मुलाकात के बाद महंत ज्ञानदास ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल हम लोगों का आशीर्वाद लेने आये थे। साधु संत के पास नेता जाए, ये कोई बडी बात नहीं है।’
सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई आशीर्वाद लेने आता है तो कोई ना कोई अपेक्षा तो होती ही है। आशीर्वाद लेने वाले के कल्याण की कामना की जाती है। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी इस समय उत्तर प्रदेश में किसान यात्रा कर रहे हैं। किसान यात्रा के चौथे दिन वह यहां पहुंचे।
राहुल नेहरू-गांधी परिवार के ऐसे पहले सदस्य हैं, जिन्होंने छह दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद अयोध्या की यात्रा की है। ऐसे में राहुल की हनुमानगढ़ी की यात्रा राजनीतिक लिहाज से भी महत्व रखती है।26 साल पहले राहुल के पिता दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वर्ष 1990 में अपनी ‘सद्भावना यात्रा’ के दौरान हनुमानगढ़ी मंदिर जाने का कार्यक्रम बनाया था लेकिन वक्त की कमी की वजह से वह वहां नहीं जा सके थे. राजीव गांधी की 21 मई 1991 को हत्या कर दी गयी थी. उस वक्त राहुल 20 साल के थे.