प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने माई गॉव के दो साल होने पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया। लोगों से सीधा संवाद किया। मोदी ने लोगों द्वारा पूछे गये गुड गवर्नेस, स्वास्थ्य, किसानी समेत अन्य कई सवालो के जबाव दिये। प्रधानमंत्री ने गौरक्षा पर चिंता जताते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर दुकान चलाते है। रात में अपराध करते है और सुबह गौरक्षक बन जाते है। उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध करते हुए कहा कि सरकारे ऐसे लोगो का डाजियर तैयार करे।
प्रधानमंत्री ने कहा ज्यादातर गाय कत्ल के कारण नही मरती प्लास्टिक खाने से मरती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गौ सेवक और गोरक्षक अलग है। गायों का प्लास्टिक खाना बंद करा दे गौ सेवक तो 70-80 प्रतिशत गौरक्षक का गोरखधंधा बंद हो जाएगा।
हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए मोदी ने खादी फॉर नेशन, खादी फार फैशन को अपनाने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जितना पैसा हम कपड़ो पर खर्च करते है उसका 5 प्रतिशत केवल हैंडलूम पर खर्च कर दे तो हाथ से कपड़े तैयार करने वालों की आमदनी में जमीन-आसमान का अंतर आ आएगा। उन्होंने गुड गवर्नेस के लिए जनता को भी लोकतांत्रिक कामों में हिस्सा लेने को कहा । गुड गवर्नेंस पर बल नहीं देंगे तो बदलाव नहीं होगा। 30 साल तक अगर हम 8 प्रतिशत की वृद्धि दर से विकास कर लें तो दुनिया में जो कुछ सर्वोत्तम है तो वह भारतवासियों के कदमों में होगा। हम अरबों-खरबों डॉलर का तेल आयात करते हैं। रक्षा उपकरणों के आयात पर अरबों रुपए खर्च होता है। हमें सोलर एनर्जी पर ध्यान देना होगा। भारतीय युवाओं के पास क्षमता है कि वह देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।