उत्तराखंड की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के लिए राष्ट्रीय एवं राज्यों के हाईवे पर 500 मीटर के दायरे में शराब बिक्री पर रोक संबंधी सुप्रीम कोर्ट का आदेश जी का जंजाल बना हुआ था. शराब की दुकानें आबादी क्षेत्र में शिफ्ट करने के सरकार के आदेश के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, सरकार को इससे राजस्व का घटा भी हो रहा है जो अनुमानतः 1200 करोड़ रूपए हैं.
राजस्व घाटे से बचने के लिए राज्य सरकार कैबिनेट में एक फैसला लिया है, जिसके अनुसार, इस लिये राज्य मार्गाें के वे भाग जो किसी भी शहरी स्थानीय निकाय यथा नगर निगम, नगर पालिका परिषद अथवा नगर पंचायत की सीमा से गुजरते हों, को राज्यमार्ग की श्रेणी से अवर्गीकृत(डिनोटीफोई) करते हुए इस भाग को अन्य जिला मार्ग में वर्गीकृत किया गया है। राज्य में 64 राज्य मार्ग हैं जिनमें 63 नगर निकाय पड़ते हैं।
राज्य सरकार का यह निर्णय राज्य हाईवे पर शराबबंदी के लिए निकला गया एक रास्ता है , अब राज्य हाईवे के जिला मार्ग घोषित होने के बाद यहाँ बंद होने वाले शराब के ठेके भी बचा लिए है.