राज्य कर्मचारियों के कार्यबहिष्कार से विभागों में कामकाज ठप !

लंबे समय से मांगों का समाधान न होने से भड़के राज्य कर्मचारी शुक्रवार से पूर्ण कार्यबहिष्कार पर चले गए हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की हाईपॉवर कमेटी के आह्वान पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। साथ ही परिषद के प्रांतीय पदाधिकारियों ने सचिवालय के समक्ष क्रमिक अनशन शुरू किया।
कर्मचारियों की ओर से पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करने से सरकारी कार्यालय में काम प्रभावित रहा। परिषद का कहना है कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर शासन स्तर पर वार्ता में सहमति बनती है। दूसरी तरफ विभागों की ओर से कर्मचारी विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। परिषद ने चेताया कि जब तक पदोन्नति वेतनमान समेत अन्य मांगों का समाधान नहीं होता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह का कहना है कि मौजूदा सरकार से कर्मचारियों को कोई नाराजगी नहीं है। सिर्फ सरकार ये मांग है कि पिछली सरकार ने जो एसीपी की व्यवस्था में बदलाव किया है, उसमें सुधार किया जाए। जो पदोन्नति पहले कर्मचारियों को 10, 16 व 26 वर्ष में मिलती थी, वो अब नई व्यवस्था में 10, 20 व 30 वर्ष कर दी गई है। कर्मचारियों को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। महामंत्री प्रदीप कोहली ने कहा कि सरकार से यही मांग है कि वो एसीपी की पूर्व व्यवस्था बहाल करने के साथ ही वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करें। यू हेल्थ कार्ड सेवा का लाभ हर राजकीय कर्मचारियों को उपलब्ध कराया जाए। मांगे पूरी न होने पर कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा। प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा कि सात दिसंबर तक कर्मचारी पूर्ण कार्यबहिष्कार पर रहेंगे।

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