
नैनीताल/हल्द्वानी – यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले और विधानसभा भर्ती मामले में धामी सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। विधानसभा में अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिए जाने के मामले पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने दो टूक शब्दों में साफ कह दिया है कि वह भी सन 2002 से 2007 तक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं लिहाजा क्यों ना जांच सन 2002 से 2022 तक की जायेगी, जिससे सारी तस्वीर साफ़ हो जाए।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक घोटाले मामले में यशपाल आर्य ने कहा की पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के संरक्षण में सीबीआई से जांच करवाई जाए, क्योंकि एसआईटी कभी ना कभी सरकार के दबाव में काम कर सकती है जिससे जांच में फर्क पड़ सकता है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की विधानसभा में भर्ती मामले में बीजेपी के 75% रिश्तेदारों ने नौकरी पायी हैं।
कांग्रेस जल्द ही 200 लोगों की लिस्ट जारी करेगी, जिन्होंने बीजेपी के शासनकाल में विधानसभा में नौकरी पायी हैं।