यहां बाप-बेटी की होती हैं शादी…हमबिस्तर भी होते हैं!

0
11753

सभी जानते है कि एक बाप अपनी बेटी की शादी करके उसको अपने ससुराल बिदा करता है और यहीं परम्परा सालों से निभाई भी जा रही है।

लेकिन एक जनजाति में अपनी बेटी को बिदा नही किया जाता बल्कि कुछ ऐसा किया जाता है कि आप सोच भी नही सकते।

जी हाँ हम बात कर रहे है बांग्लादेश के मंडी जनजाति की जहाँ एक अजीब तरह की परम्परा को निभाया जाता है। कहा जाता है कि इस मंडी जनजाति द्वारा शुरू से ही इस तरह की परम्परा को निभाया जा रहा है आपको बता दें कि यहाँ पर बचपन से बेटियां अपने पिता के साथ शादी के सपने देखती है। यह जनजाति भारत बांग्लादेश की सीमा के पार सुदूर पहाड़ी में रहती है। यूं तो इस मंडी जनजाति में बहु विवाह की प्रथा है।

इस परम्परा के पीछे उनका तर्क है कि जब किसी महिला का पति कम उम्र में दिवंगत हो जाता है या दुनिया छोड़ जाता है। तब ऐसी स्थिति में महिला को अपने ही खानदान के किसी कम उम्र के आदमी से विवाह करना पड़ता है. इस शादी में माँ के साथ उसकी बेटी की भी शादी कर दी जाती है, माँ और बेटी दोनों एक ही मंडप में एक ही दुल्हे से शादी करती है। 

मंडी जनजाति के काफी परिवार ईसाई धर्म को अपना चुके हैं उनमें इस प्रथा पर कमोबेश रोक लगी है पर जो बचे हुए परिवार हैं उनमे अब भी बहु विवाह प्रथा है। लड़कियों को यह स्वीकार करने में बहुत समय लगता है कि जो उनकी माँ का पति है वही उनका भी पति है। बड़े होने पर माँ अपनी बेटी के लिए ऐसी परिस्थिति तैयार करती हैं जिससे उसकी बेटी उसके पति के नजदीक आए और दैहिक सम्बन्ध के लिए भी तैयार हो। दोनों मां-बेटी एक ही पति के साथ एक ही घर में रहती है। एक ही पति होने के कारण मां और बेटी के रिश्ते में एक दरार भी रहती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here