
गोलू देवता की कहानी

गोलू देवता या भगवान गोलू उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं क्षेत्र की प्रसिद्ध पौराणिक देवताओ में से एक हैं। अभी तक आपने लोगों को मंदिरों में जाकर अपनी मुरादें मांगते देखा होगा, लेकिन उत्तराखंड के अल्मोड़ा और नैनीताल जिले में स्थित गोलू देवता के मंदिर में केवल चिट्ठी भेजने से ही मुराद पूरी हो जाती है। इस मंदिर में भगवान फरियादियो की चिठ्ठी पढ़कर उनकी मनोकामना पूर्ण कर देते है प्रेम विवाह के लिए युवक-युवती गोलू देवता के मंदिर में जाते हैं। मान्यता है कि यहां जिसका विवाह होता है उसका वैवाहिक जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है।
मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ाई जाती है घंटिया

इस मंदिर की मान्यता देश ही नहीं बल्कि विदेशो तक है यही वजह है कि यंहा दूर-दूर से श्रद्धालु आते है इस मंदिर में प्रवेश करते ही अनगिनत घंटिया नजर आती है कई टनो में मंदिर के हर कोने-कोने में दिखने वाले घंटे-घंटिया की संख्या कितनी है यह आज तक मंदिर के लोग भी नहीं गिन पाए है इस लिए लोगो में घंटियों वाला मंदिर के नाम से भी पुकारा जाता है…
दरसल यंहा मन्नते पूरी होने पर घंटी चढाने की परम्परा है और यह घंटिया इस बात की तस्दीक करती है कि कितने भारी पैमाने पर लोगो की मन्नते पूरी हुई होंगी।खास बात यह है कि मंदिर प्रशासन इन घंटियों को गलाकर,बेचकर या फिर दूसरे कामो में इस्तेमाल नहीं करता है… बल्कि इसे भगवान की धरोहर मानकर सहेजा जाता है….