मोहन भागवत ने किया गोरक्षकों का बचाव, कहा – कानून के दायरे में काम करते हैं

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नागपुर : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह करने वाले लक्षित हमलों के लिए मंगलवार को भारतीय सेना की प्रशंसा की और कहा कि इससे दुनिया में देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है तथा अशांति फैलाने वालों को संदेश गया है कि सहन करने की एक सीमा होती है।

आरएसएस प्रमुख का वार्षिक दशहरा संबोधन कश्मीर में जारी अशांति, सीमा पर तनाव और गौ-संरक्षण जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा। भागवत ने इसके साथ ही सामाजिक भेदभाव के उन्मूलन का भी संकल्प लिया। विजयदशमी रैली में भागवत ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इस साल दशहरा कुछ खास है। जीवन में जो सीखा उस पर गर्व करें। बता दें कि आज आरएसएस का स्‍थापना दिवस है और संघ के 91 साल पूरे हो गए।

गौरक्षक कानून के तहत काम कर रहे: भागवत

इस मौके पर भागवत ने गौरक्षकों का बचाव करते हुए कहा कि ये कानून के तहत ही काम करते हैं. भगवत ने आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस पर वार्षिक संबोधन के दौरान कहा, “कुछ लोग हैं जो गौरक्षा के प्रति समर्पित हैं. यह राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है.”

उन्होंने कहा, “गोरक्षक अच्छे लोग होते हैं… देश में गोरक्षा के लिए कानून हैं… प्रशासन को ध्यान रखना होगा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो असामाजिक तत्व हैं, और कभी गोरक्षक नहीं हो सकते… उनके ज़रिये बेवकूफ न बनें… उन लोगों तथा गोरक्षकों में फर्क होता है… उन्हें एक साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए…”

फुल पैंट में दिखे हैं स्वयंसेवक

तमाम स्वयंसेवक आज से नए गणवेश यानी नई यूनिफॉर्म में नज़र आ रहे हैं. नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी फुल पैंट में दिखे हैं.

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