मोटेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार में लगा श्रधालुओं का तांता।

नैनीताल/कालाढूंगी – कालाढूंगी के आरक्षित क्षेत्र बरहैनी रेंज में स्थित पौराणिक मोटेश्वर महादेव मंदिर लोगों की अगाध श्रद्धा का केन्द्र है। मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ यहां विशालकाय रूप में विराजमान हैं।

माना जाता है मोटेश्वर महादेव का शिवलिंग भारत के सभी शिवलिंगों से आकार में बड़ा है। इसलिए इस धाम को मोटेश्वर महादेव कहा जाता है। आबादी से कोसों दूर घने जंगल में बसा मोटेश्वर महादेव मंदिर अतीत से ही ऋषि-मुनियों की तपस्थली रही है। लोगों का मानना है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। इसलिए इस मंदिर को तपोवन भूमि के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो सालभर इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन सावन मास में इस मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है।

सन्त सेवा दास कहते हैं कि मोटेश्वर शिवधाम की ये भूमि ऋषि-मुनियों की तपस्थली रही है। देशभर के शिवलिंगों का आकार मोटेश्वर महादेव से बड़ा नहीं है जो इस मंदिर को अलग बनाता है।

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