मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमण की रोकथाम व उपचार के लिए गठित सलाहकार समिति के साथ वर्चुअल बैठक की….

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर कोविड संक्रमण की रोकथाम व उपचार के लिए गठित सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने कहा कि यह समिति वर्तमान में कोविड संक्रमण की स्थिति और भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत इसके प्रभावी नियंत्रण, बचाव व उपचार की कार्ययोजना व रणनीति बनाए। सलाहकार समिति कोविड-19 के सम्बन्ध में प्रतिदिन बैठकें सुनिश्चित कर इनकी रिपोट्र्स व सुझावों से स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग को अवगत कराए। इसकी एक प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाए। सलाहकार समिति कोविड ट्रीटमेण्ट, प्रोटोकाॅल तथा अन्य सुझावों से प्रदेश सरकार सहित विभिन्न चिकित्सा संस्थानों व अस्पतालों को भी अवगत कराए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कोरोना की दूसरी लहर के विरुद्ध प्रभावी लड़ाई में चिकित्सकों और विशेषज्ञों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों से आह्वान किया कि वे अपील, सन्देशों, पैनल डिस्कशन आदि के माध्यम से कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में समाज को जागरूक करने का कार्य करें। वे सभी को कोविड प्रोटोकाॅल और गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित किए जाने के लिए भी प्रेरित करें। इससे कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में बड़ी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में हर सम्भव प्रयास कर रही है। यह समय नकारात्मक बातों का नहीं है। कोरोना के विरुद्ध अभियान के साथ जुड़ते हुए हम सभी कोविड ड्यूटी में लगे चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, पैरामेडिक्स, सफाई कमिर्यों सहित सभी फ्रण्टलाइन वर्कर्स और कोरोना योद्धाओं के मनोबल को बढ़ाएं। इससे समाज को सम्बल मिलेगा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होगा। कोविड के विरुद्ध संघर्ष में सकारात्मकता और मानसिक सम्बल आवश्यक है। प्रिण्ट, इलेक्ट्राॅनिक और सोशल मीडिया में कोविड को परास्त करने वालों की सफलता की कहानियां प्रमुखता से प्रसारित-प्रचारित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश 24 करोड़ की आबादी का प्रदेश है। इसके दृष्टिगत टीम वर्क व सभी के सहयोग से कोविड-19 के सम्बन्ध में यहां पर अन्य राज्यों के मुकाबले कमियां या अव्यवस्थाएं नहीं होने पाईं। वर्तमान में पूरे मनोबल और उपलब्ध संसाधनों के साथ कोविड-19 पर नियंत्रण व उपचार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना का जब पहला केस प्रदेश में आया था, तब यहां पर टेस्ट व बेड्स की सुविधा नहीं थी। आज ढाई से तीन लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जाने की क्षमता विकसित हो गई है। एल-1 सुविधा के 01 लाख 16 हजार तथा एल-2 व एल-3 सुविधा के लगभग 75 हजार बेड्स उपलब्ध हैं।

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