मानसून में जहां, चारो और पानी ही पानी होता है, वहीँ ऐसे समय में हमारे शरीर में डीहाइड्रेशन होने के सम्भावनाये बहुत ज्यादा होते हैं। साथ ही बरसात में पाचन शक्ति भी कमजोर होती है । इसी लिए बरसात में जितना हो सके पानी व तरल पर्दार्थ का सेवन करे ।
इस समय सब्जी और दाल से बने गरमा गर्म सूप का प्रयोग करें। यह ना सिर्फ स्वादिष्ट तथा पौष्टिक होता है, बल्कि शरीर में हो रहे, पानी की कमी को भी पूरा करता है। बरसात में अदरक और तुलसी की चाय स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। मानसून में बैक्टीरिया के संक्रमण का ख़तरा बहुत ज्यादा रहता है, और बाहर की स्ट्रीट फूड्स से टाइफाइड, डायरिया, पैराटिफ़ॉइड, हैजा और गैस्ट्रोएन्टेरिटिसिस आदि का खतरा भी रहता है। मानसून में खीर, दही, खिचड़ी, व हल्के पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही मूंग, गरम दूध, लहसुन, अदरक, सोंठ,जौ, खट्टे एवं खारे पदार्थ, दलिया, शहद, प्याज, गाय का घी, तिल एवं सरसों का तेल,अजवायन, पुराना अनाज, अनार, द्राक्ष का सेवन लाभदायी है।सब्जियों में मेथी, सहिजन, परवल, बथुआ, पालक ,लौकी, सरगवा, एवं सूरन लाभदायक होता है ।
ऐसे में गरमा गरम चाय के साथ प्याज, पनीर, हरी मिर्च, आलू व अन्य सब्जियों के पकौडे का मजा जरूर ले, आखिरकार मानसून में ही तो चाय के साथ पकौडों का असली मजा आता है।