हरिद्वार – धर्मनगरी हरिद्वार में देश और विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। हरिद्वार में कुंभ और अर्ध कुंभ मेले के साथ ही कई बड़े गंगा स्नान भी होते है, मगर उसके बावजूद भी हरिद्वार की स्वास्थ्य सुविधा बिल्कुल ही लचर है। एक मामला सामने आया है जिसमे एक गर्भवती महिला को उपचार ना मिल पाने के कारण महिला ने मेला अस्पताल के बाहर सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। गर्भवती महिला के सड़क पर बच्चे को जन्म देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं विभागीय अधिकारी इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं।
महिला द्वारा सड़क पर नवजात को जन्म देने के मामले पर जब सीएमओ से पूछा गया तो वह भी इस मामले से पल्ला झाड़ते नजर आए। सीएमओ खगेंद्र सिंह का कहना है कि 108 एंबुलेंस उनके विभाग से संबंधित नहीं है।
इसका संचालन स्टेट गवर्नमेंट से होता है। सीएमओ द्वारा महिला और उनके परिजनों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। सीएमओ ने कहा की महिलाओं को परिजनों द्वारा वक्त रहते ही हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए था। मामला संज्ञान में आया है इसकी जांच की जाएगी। इनका कहना है कि महिला हॉस्पिटल में नहीं पहुंची थी इस कारण सड़क पर ही डिलीवरी हुई है। मगर सीएमओ साहब के पास इसका जवाब नहीं कि आखिर अगर ऐसी घटना हो जाती है तो स्वास्थ्य विभाग कितनी तेजी से लोगों का उपचार करता है।
रात करीब एक बजे महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो वह अपने पति के साथ अस्पताल के लिए निकली घर से निकलते ही मेला अस्पताल के बाहर पहुंची तो महिला को ज्यादा दर्द होने लगा और वह चिल्लाने लगी। महिला की चीख पुकार सुन आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। लोगों ने ना केवल 108 बल्कि पास में ही स्थित जिला चिकित्सालय की एंबुलेंस को भी सूचना दी, लेकिन दोनों ने ही आने की जरूरत नहीं समझी। इसके बाद महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। फिलहाल महिला को महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है और बच्चा और मां दोनों ही सुरक्षित है। मगर बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि हरिद्वार में स्वास्थ्य सुविधा इस तरह लचर है कि एक महिला को सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ गया।