थॉयरायड दुनिया भर में एक प्रमुख समस्या है। भारत में करीब 4.2 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं यानी भारत में 10 में से एक व्यक्ति इससे किसी न किसी रूप से पीड़ित है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थॉयरायड विकार होने की संभावना 80 प्रतिशत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से शरीर में होने वाले बहुत सारे हार्मोन के बदलाव हैं। महिलाओं में आयोडीन की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है, जिस वजह से उनमें थॉयरायड के विकार हो सकता है।
थॉयरायड विकार का जल्दी पता लगने से रोकथाम के कदम उठाने में मदद मिलती है, चाहे वो दवाओं के जरिए हो या जीवनशैली में बदलाव। इसके लक्षण बहुत ही छोटे होते हैं और इनकी निशानदेही करना मुश्किल होता है। सबसे भरोसेमंद तरीका है रक्त के जरिए टीएचएच स्तर की जांच करना।
हाईपोथॉयरायडिजम के लक्षण
- बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान
- वजन बढ़ना
- ठंड बर्दाश्त न होना
- सूखे और कमजोर बाल
- याददाश्त की समस्या
- चिड़चिड़ापन और अवसाद
- ज्यादा कोलेस्ट्रोल
- दिल की धड़कन कम होना
- कब्जहायपरथॉयरायडिज्म के संकेत-
- वजन कम होना
- गर्मी बर्दाश्त न होना
- पेट में बार-बार गड़बड़ी
- कंपकंपी
- घबराहट और चिड़चिड़ापन
- थॉयरायड ग्रंथि का बढ़ जाना
- नींद में गड़बड़ी
- थकान