मुंबई- मुंबई के दादर स्थित योगी सभागृह में नौटियाल परिवार की ओर से आहूत श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि नंदकिशोर नौटियाल के निधन से हम सब दुखी हैं। नंदकिशोर नौटियाल के निधन पर गहरा दुःख प्रगट करते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि मुझे यह नहीं लगता था कि मैं महाराष्ट्र आऊंगा तो मुझे नंदकिशोर नौटियाल नहीं मिलेंगे। ऐसी परिस्थिति में बोलना बहुत कठिन होता है। उन्होंने कहा कि पहाड़ से आकर सागर तट के इस महानगर में विपरीत परिस्थितियों में भी जब कोई व्यक्ति नंदकिशोर नौटियाल बनता है या शैलेश मटियानी बनता है, तब ऐसा लगता है कि यह देश कितना अद्भुत है। महामहिम ने नौटियाल के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि चूँकि हम दोनों पहाड़ के हैं और व्यक्तिगत मेल के अलावा वैचारिक एकरूपता के नाते मेरी उनसे अक्सर चर्चा होती थी हालाँकि नौटियाल जी उम्र में मुझसे बहुत बड़े थे, लेकिन जब भी मेरी उनसे चर्चा होती तो ऐसा जरा भी प्रतीत नहीं होता था कि वे मुंबई में रहते हैं और मैं पहाड़ पर। वे इतनी आत्मीयता से बातें करते थे कि लगता था हम दो नहीं बल्कि एक ही हैं। इस दौरान नौटियालजी को मिठाईलाल सिंह, अनुराग त्रिपाठी, कन्हैयालाल सराफ, बृजमोहन पांडे, भंवरसिंह राजपुरोहित, हरी मृदुल, राजेश्वर उनियाल, मोहन काला आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने उदगार व्यक्त किये। इस अवसर पर सुबोध शर्मा, कृपाशंकर सिंह, प्रशांत शर्मा, श्रीनारायण अग्रवाल, सुनील गाड़िया, हरकिशन भट्टड़, अनिल गलगली, चंद्रकांत त्रिपाठी, सी जी जोशी, गयाचरण त्रिवेदी, माधवानंद भट्ट, रामनारायण सोमानी, डॉ रामसागर सिंह, जे पी सिंह, शक्तिमान तलवार, डॉ देवेंद्र सक्सेना, कुमुद झवर, अरविंद तिवारी, शिवजी सिंह, चित्रसेन सिंह, चंद्रकांत जोशी, राजशेखर चावला, सुरेशचंद्र शर्मा और मंजू पांडेय आदि समाज के विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इस अवसर पर भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने अपने सहयोगियों के साथ नौटियालजी के पसंदीदा भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन अनिल त्रिवेदी ने किया।