मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आपस्पा)हटाने की मांग करे लेकर अनशन करने वाली इरोम शर्मिला ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ा। अनशन खत्म करते वक्त इरोम की आंखे छलक गई। उन्होंने कहा कि मुझे आज़ाद किया जाए. मुझे अजीब सी महिला की तरह देखा जा रहा है. लोग कहते हैं, राजनीति गंदी होती है, मगर समाज भी तो गंदा है.इरोम ने कहा कि
मैं सरकार के ख़िलाफ़ चुनाव में खड़ी होऊंगी. मैं सबसे कटी हुई थी. मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर अमल किया है. मेरा ज़मीर क़ैद था, अब मुझे आज़ाद होना होगा. लोग मुझे इंसान के तौर पर क्यों नहीं देख सकते? मैं अपील करती हूं कि मुझे आज़ाद किया जाए. मैं क्रांति की प्रतीक हूं. मैं मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं.
साल 2000 में उन्होंने अपने अनशन की शुरुआत की थी और तब से उन्हें जिंदा रखने के लिए पाइप के जरिए जबरन लिक्विड डाइट दी जाती है. उनका मानना है कि वह अपने मुद्दों को अब राजनीति के जरिए उठाएंगीं. 44 साल की इरोम ने शादी की भी इच्छा जताई थी.