शैली श्रीवास्तव- प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में काबिज हुई भाजपा के सामने अब चुनौतियां मुखर होने लगी है या यूं कहे कि भाजपा के विधायकों के आये दिन तिखे तेवर भाजपा के लिए मुश्किले पैदा कर रहे है। सबका साथ सबका विकास का नारा लेकर सत्ता में काबिज हुए भाजपा शयद अपने ही विधायकों कों साथ लेकर नहीं चल पा रही है यही कारण है कि आये दिन भाजपा विधायकों की नाराजगी किसी न किसी रूप में सामने आ रही है हालहि में लक्सर विधायक संजय गुप्ता के मुख्यमंत्री और सरकार को निशाने पर लेने संबंधी हालिया बयान के बाद से सरकार और पार्टी संगठन दोनों को ही असहज होना पड़ा है। हालांकि, पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए विधायक गुप्ता को नोटिस भेजा है, लेकिन सवाल यह है कि विधायकों में आक्रोश की आखिर वजह है क्या? यह पहली बार नहीं है इससे पहले भी विधायकों ने तेवर तल्ख दिखायी दिए है इससे पहले विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन व राजकुमार ठुकराल की नाराजगी भी सामने आयी हैं। भाजपा विधायकों में उबाल यूं ही नहीं उपजा है। इसके पीछे एक नहीं कई वजह हैं। खासकर, नौकरशाही के रवैये से तमाम विधायक नाराज हैं। इनमें से कई तो हाल में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी तक जाहिर कर चुके हैं।
सूत्रों की माने तो विधायकों की नाराजगी के एक नहीं अनेक कारण हैं। सरकार में सवा साल बाद भी दो मंत्री पद नहीं भरे गए, यही नहीं विधायकों की ओर से नौकरशाही की बात कई बार देखने कों मिली, जिससे अब पार्टी नेतृत्व के सामने इस आक्रोश को थामने और सरकार व संगठन में समन्वय की चुनौती अधिक बढ़ गई है। वहीं विधायकों के निर्देशों के बावजूद उनके क्षेत्र से जुड़े मसलों को नौकरशाह तवज्जो नहीं दे रहे। जाहिर है कि इससे जनता के बीच उन्हें असहज स्थिति का सामना भी करना पड़ रहा है। सरकार में दो मंत्री पदों को भरने और विभिन्न निगमों, आयोगों व प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पदों का दायित्व वितरण का मसला भी सरकार बनने के बाद से ठंडे बस्ते में है। माना जा रहा कि इसे लेकर भी विधायकों में नाराजगी है और सब्र का पैमाना अब टूटा नजर आ रहा है।
वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने हालहि में बयान जारी किया है कि भाजपा में अनुशासन सर्वोपरि है। इसे तोड़ने की किसी को इजाजत नहीं है, फिर चाहे वह कोई भी क्यों न हो। जहां तक विधायक संजय गुप्ता मामले की बात है तो उन्हें नोटिस दिया गया है, 10 दिन के भीतर जवाब आ जाएगा। यदि जवाब नहीं आता है तो पार्टी संविधान के अनुरूप कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।