भगवान बद्रीनाथ की महिमा किसी से छुपी नही है। लोगों का मानना है कि भगवान का आर्शीवाद औ स्नेह ही उनकी रक्षा करता है । पर भगवान को भी आर्शीवाद की जरूरत होती है। इसी मान्यता को साकार करते हुए भगवान बद्रीनाथ आज सुबह 10 बजे अपनी माता से मिलने माना गांव रवाना हुए है। धाम में भगवान की शीला मूर्ति है। लिहाजा बद्रीनाथ के प्रतिनिधि के रूप में उद्धव जी महाराज माता मूर्ति से मिलने जाते है। मान्यता है कि माना गांव में शिवजी की विशेष कृपा है जहां जाने से गरीबी दूर हो जाती है।
माना गांव को उत्तराखंड के पवित्र स्थानों में दर्जा दिया गया है। कहा जाता है कि इस गांव को श्रापमुक्त जगह का दर्जा भी मिला है। सोमवार को बदरीनाथ के क्षेत्रपाल घंटाकर्ण माणा गांव से भगवान बदरीनाथ को माता मूर्ति मंदिर में आने के लिए न्योता देने पहुंचे। मंगलवार को माणा गांव में माता मूर्ति मेले का भव्य आयोजन हुआ। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि माणा गांव में भगवान बदरीनाथ की माता मूर्ति का भव्य मंदिर है। भगवान बदरीनाथ प्रतिवर्ष अपनी माता से मिलने के लिए माणा गांव जाते हैं। बताया कि माता मूर्ति मंदिर में बदरीनाथ के रावल की ओर से पूजा-अर्चना संपन्न की जाती है।
धाम में अपराह्न में लगने वाला भोग भी माता मूर्ति मंदिर में लगाया जाएगा। इस दौरान करीब छह घंटे तक बदरीनाथ के कपाट बंद रहेंगे। धर्माधिकारी ने बताया कि यहां देव डोलियों के अद्भुत मिलन के बाद अपराह्न तीन बजे बदरीनाथ अपने धाम में विराजमान होंगे।
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के उपाध्यक्ष पंडित नंद किशोर पुरोहित बताते हैं कि इस गांव में आने पर व्यक्ति स्वप्नद्रष्टा हो जाता है। जिसके बाद वह होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकता है। डॉ. नंद किशोर के मुताबिक माणिक शाह नाम एक व्यापारी था जो शिव का बहुत बड़ा भक्त था। एक बार व्यापारिक यात्रा के दौरान लुटेरों ने उसका सिर काटकर कत्ल कर दिया। लेकिन इसके बाद भी उसकी गर्दन शिव का जाप कर रही थी।
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के उपाध्यक्ष पंडित नंद किशोर पुरोहित बताते हैं कि इस गांव में आने पर व्यक्ति स्वप्नद्रष्टा हो जाता है। जिसके बाद वह होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकता है। डॉ. नंद किशोर के मुताबिक माणिक शाह नाम एक व्यापारी था जो शिव का बहुत बड़ा भक्त था। एक बार व्यापारिक यात्रा के दौरान लुटेरों ने उसका सिर काटकर कत्ल कर दिया। लेकिन इसके बाद भी उसकी गर्दन शिव का जाप कर रही थी।