कालाधन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी के डिप्टी चेयरमैन जस्टिस अरिजित पसायत ने कहा है कि अब तक 70 हजार करोड़ रुपये के कालेधन का पता चल चुका है। उनके मुताबिक इससे संबंधित छठी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में अप्रैल के पहले सप्ताह में सौंपी जाएगी। कई सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि एसआइटी ने पिछले दो वर्षो में अपनी अंतरिम रिपोर्ट के माध्यम से काले धन को रोकने के लिए कई अनुशंसाएं की हैं।
जस्टिस पसायत ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारी कई सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जबकि कुछ पर विचार चल रहा है। हमारे प्रस्तावों में से एक, 15 लाख ये इससे ज्यादा कैश रखने को अज्ञात मानना। इस पर केंद्र गंभीरता से विचार कर रहा है। पसायत ने आगे कहा कि एसआइटी की सिफारिशों पर सरकार इसका पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 3 लाख रुपये का नकद लेन-देन अवैध और दंडनीय होगा।
योजना के तहत कुल जमा कालाधन का 50 फीसदी हिस्सा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत बैंक में जमा कराने के बाद 25 फीसदी हिस्सा रिजर्व बैंक के बांड एकाउंट में जमा करना होगा। इसके लिए बैंकें अधिकृत की गई हैं। यह रकम चार साल के लिए सीज रहेगी। इस पर न तो ब्याज मिलेगा और न ही इसका उपयोग किया जा सकता है। कुल घोषित रकम का सिर्फ 25 फीसदी ही व्यक्ति अपने उपयोग में ला सकता है। ऐसा न करने की स्थिति में पकड़ी गई रकम पर 200 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है।