उत्तराखंड DGP एमए गणपति मोदी की “कोर टीम” में होंगे, शमिल,बेदाग छवि के अफसरों में शामिल है एमए गणपति, NSA अजीत डोभाल की गुड लिस्ट में टॉप पर हैं गणपति
उत्तराखंड के डीजीपी एमए गणपति ने की कुल 31 साल की सेवा के दौरान कई एतिहासिक काम कर चुके हैं। आज से 16 साल पहले 2001 में सीबीआई में रहते उन्होंने क्रिकेट मैच फिक्सिंग को भी उजागर किया था। उस समय गणपति की कार्यकुशलता को लेकर काफी सराहना भी की गई थी। उत्तराखंड में बतौर डीजीपी एमए गणपति का करीब डेढ साल के कार्यकाल रहा। इस दौरान उन्होंने बिना किसी विवाद के उत्तराखंड पुलिस का नेतृृत्व बखुबी किया। इतना ही नहीं गणपति ने पुलिस विभाग में अंदखाने चल रही गुटबाजी का खत्म करने में भी महत्पूर्ण भूमिका निभाई। गणपति ने पुलिस विभाग में सभी अधिकारियों को गुटबाजी से दूर रहने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए थे। एमए गणपति की खास बात यह रही कि उन्होंने साफ और इमानदार छवि के अधिकारियों को भी आगे बढाने का काम किया।
उत्तराखंड के डीजीपी एमए गणपति की केंद्र में तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। एमए गणपति की नई तैनाती केंद्र में CISF में बतौर एडीजी पद पर होगी। 1986 बैच के आईपीएस एमए गणपति अपनी स्वच्छ छवि और कार्यकुशलता के लिए पूरे देश में विख्यात हैं। यही कारण है कि डीजीपी गणपति को नरेंद्र मोदी की कोर टीम में शामिल करने के लिए केंद्र में बुला दिया गया है। सूत्रों की जानाकरी के अनुसार पीएम मोदी के साथ पहले से मौजूद राष्टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की गुड लिस्ट में गणपति सबसे टाॅप अधिकारियों में शामिल हैं। गणपति भष्टाचार के खिलाफ अंधरुनी जंग लडने वाले गिने चुने अफसरशाहों में से एक हैं। पिछली सरकार के दौरान भी डीजीपी गणपति की केंद्र में तैनाती की अफवाह फैली थी, लेकिन इस बार उनकी केंद्री की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है।
डीजीपी एमए गणपति अपने वर्किंग स्टाइल के लिए विशेष रुप से जाने जाते हैं। यही कारण है कि ज्यादा समय उनकी तैनाती सेंटर में ही रही है। साल 1986 में गणपति की बतौर आईपीएस तैनाती के बाद से वे 13 साल यूपी में अपनी सेवाएं दी है । यूपी में कानपुर, इलाहबाद समेत कई बडे शहरों में गणपति बतौर एसएसपी तैनात रहे। इसके बाद गणपति गृह मंत्रालय में रहे जहां उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ काम करते-करते देश के लिए नक्सल पाॅलिसी तैयार की।