बुरे फंसे खेल मंत्री, पढ़े पूरी खबर !

महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण से जुडे़ उत्तराखंड खेल मंत्री अरविंद पांडेय के बयान से राज्य में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार हमलावर हो गया है। यही नहीं खेल मंत्री ने बैठे-बिठाए विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया। इस मामले को राज्य की बेटियों और उत्तराखंड के अस्मिता का सवाल बताते हुए विपक्ष यानि कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है।
मामले ने पकड़ा तूल 
खेल मंत्री अरविंद पांडे द्वारा महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के मामले में दिया गया बयान अब तूल पकड़ने लगा है। सोशल मीडिया में वायरल इस प्रकरण के बाद कांग्रेस ने भी इस मामले में सरकार को निशाने पर लिया है। वंही इस मामले को लेकर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल के. के. पाल से मुलाकात भी की। विपक्ष का कहना है कि यदि खेल मंत्री अरविंद पांडे को सारी जानकारी है, तो फिर दोषियों के खिलाफ मुकदमा करने में देरी क्यों की जा रही है। उनके इस बयान से अभिभावकों में संघों के प्रति अविश्वास का भाव पैदा हुआ है। सरकार को इस मामले में त्वरित कार्रवाही करनी चाहिए।
खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने ये किया था दावा 
बीते दिनों खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने एक निजी चैनल से बातचीत में दावा किया था कि खेल संघों में काबिज कुछ लोग महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण कर रहे हैं। यह भी दावा किया था कि उनके पास ऐसी जानकारी भी है, जिसके आधार पर संघों के पदाधिकारियों के खिलाफ बलात्कार जैसा संगीन आरोप भी पुख्ता होता है। मंत्री ने इससे संबंधित सुबूत भी अपने पास होने की बात कही थी।
मंत्री के बयान से सरकार की हो रही किरकिरी 
सोशल मिडिया में लोग कह रहे हैं कि मंत्री ने दबाव बनाने के लिए यह शिगूफा छोड़ा है। लोग सोशल मिडिया में  इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोग कह रहे है कि जब खेल मंत्री के पास सारे सुबूत हैं तो इस मामले में अविलंब कार्रवाई होनी चाहिए। वंही राजनितिक जानकारों का मानना है कि खेल मंत्री बेतुकी बयानबाजी कर अपनी ही सरकार की किरकिरी कराने में लगें है।

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