बहादराबाद विकास खंड सभागार में आयोजित पिछड़े वर्ग के जनप्रतिनिधित्व आकलन हेतु हुई बैठक में जनसुनवाई।

हरिद्वार – हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों का निर्धारण करने के लिए हाईकोर्ट ने सर्वेक्षण आयोग का गठन किया है। ओबीसी सर्वेक्षण आयोग के अध्यक्ष बीएस वर्मा ने हरिद्वार के बहादराबाद ब्लॉक पहुंचकर जनसुनवाई की। गौरतलब है कि हरिद्वार जिले में जिला पंचायत चुनाव होने हैं। जिसके लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई है।

हरिद्वार के विकासखंड बहादराबाद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण और परिसीमन को लेकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने की डीपीआरओ को हटाए जाने की मांग।

बहादराबाद विकासखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिसीमन को लेकर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफाक ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए डीपीआरओ को हटाए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि 80 में से 71 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं, जबकि 9 सीटें अनारक्षित हैं। जिसको लेकर अध्यक्ष के समक्ष शिकायते भी की गई है। उन्होंने कहा कि डीपीआरओ द्वारा आपसी लेनदेन कर आंख बंद करके सेटिंग बिठाते हुए जो उल्टा सीधा परिसीमन और आरक्षण किया गया है उसके लिए भी हमारे द्वारा शिकायत की गई है।

उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी के रहते हुए निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकता है उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट डीपीआरओ को हरिद्वार से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुरूप जितना आरक्षण नौकरियों में दिया जाता है उतना ही आरक्षण पंचायतों में जनप्रतिनिधि को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में मात्र 14 परसेंट और ग्राम पंचायत में 50 से 65% तक आरक्षण दिया जा रहा है। इस तरह के आरक्षण न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सीधा सीधा अधिकारों का हनन है उन्होंने कहा कि ओबीसी वर्ग को जिस जगह आरक्षित किया जा रहा है। वहां ओबीसी का कोई वर्चस्व ही नहीं है। वही एससी वर्ग को आरक्षण मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत कार्य कर रही है और अधिकारी गण उनके मोहरे बनकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से कार्य होंगे तो निष्पक्ष चुनाव होना असंभव है। उन्होंने कहा कि आज जाति और धर्म के नाम पर सरकार द्वारा अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासनादेश 1811, 2021 के अनुसार चक्र को आगे भी चलाएं। उन्होंने कहा कि आज सरकार के दबाव में एक अधिकारी भी कर्मचारी की भांति कार्य कर रहा है।जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें तो यह लग रहा है कि सरकार अब भी चुनाव कराने के मूड में नहीं है। यह सिर्फ बहाने करके भागने की तैयारी में है। उन्होंने कहा के इन सबके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले विकास अवरुद्ध हो रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए निष्पक्ष चुनाव होना बहुत जरूरी है।

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