पलटन बजार बैठा है बारुद्ध के ढेर पर, प्रशासन सुस्त

देहरादून । भले ही राजधानी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है और दुकाने, मकान अतिक्रमण की जद से हटाए जा रहे हैं। उसके बावजूद अभी भी मुख्य बाजारों में अतिक्रमण बना हुआ है। इसका जीता-जागता प्रमाण पलटन बाजार है जहां हर दुकान के सामने चारपाई पर फड़ियां लगी हुई है। इन फड़ियों से दुकानदार प्रतिदिन पांच सौ से एक हजार रुपये वसूल रहे हैं, जबकि पुलिस प्रशासन के लोग भी 100 से 150 रुपये प्रतिदिन की वसूली कर रहे हैं। पलटन बाजार का अतिक्रमण न हटाया जाना यक्षप्रश्न बना हुआ है। जिस तरह दुकानों के बाहर फड़ीवाले कारोबार कर रहे हैं, उनमें अधिकांश लोग अल्पसंख्यक वर्ग के तथा बिना छानबीन के अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं, जिसके कारण पलटन बाजार बारुद्ध के ढेर पर बैठी हुई है।
उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश पर राजधानी में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत जून माह में हाईकोर्ट द्वारा राजधानी देहरादून से सभी अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिये गये। अदालत ने मुख्य सचिव तक को इसके लिए जवाबदेह बनाया था। जुलाई में शुरू हुए इस अभियान को अब तीन माह पूरे होने जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों की संयुक्त टीमें बनाकर शुरू की गई इस कार्रवाई में अब तक धर्मपुर, करनपुर, राजपुर रोड, ईसी रोड और नुमाइश कैंप तथा प्रेमनगर सहित अनेक स्थानों पर बडे पैमाने पर अतिक्रमणों को तोडा जा चुका है लेकिन पल्टन बाजार में अतिक्रमण चिन्हित किये जाने के बाद भी अब तक इसे हटाने की कार्रवाई नहीं की गई है। अतिक्रमण को लेकर सबसे अधिक प्रभावित माने जाने वाले सबसे प्रमुख पल्टन बाजार और धामावाला में प्रशासनिक टीमों द्वारा डेढ़ महीने पूर्व चिन्हीकरण का काम किया गया था लेकिन अब तक यहां अतिक्रमण हटाये जाने की कार्रवाई आगे नहीें बढ़ सकी है।
समाज सेवी एवं बजरंग दल से जुड़े विकास कुमार भगवा का कहना है कि पलटन बाजार के इन फड़ीवालों की जांच की जाए तो काफी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती है लेकिन प्रशासन इस मामले में चुस्ती नहीं बरत रहा है जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

 

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