फिल्म पद्मावत को सुप्रीम कोर्ट से आखिर कर हरी झंडी मिल ही गयी और कोर्ट ने राज्यों में लगे बैन को हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 21 के बारे में बताते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को रोका नहीं जा सकता है. कोर्ट ने ये भी कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और दर्शकों की सुरक्षा करना भी राज्यों की जिम्मेदारी है.
राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश ने कानून और व्यवस्था का हवाला देते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसे लेकर फिल्म के प्रोड्यूसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होनी है. सेंसर बोर्ड की तरफ से फिल्म को हरी झंडी मिलने के बाद भी बीजेपी शासित इन चार राज्यों ने फिल्म की रिलीज को हरी झंडी देने से मना कर दिया था.
वहीँ अगर बात करें एक और बड़े राज्य की तो उत्तर प्रदेश में भी फिल्म के प्रदर्शन पर संशय के बादल छाए हुए थे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी में फिल्म दिखाए जाने के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.
इन बड़े राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने पर निर्माता को जबरदस्त घाटा होता जिसकी भरपाई करना मुश्किल था. पहले इस फिल्म का नाम पद्मावती था, जिसके चलते उत्तर भारत में भारी हंगामे और सरकारों के रुख को ठीक न देखते हुए फिल्म का नाम पद्मावत कर दिया गया.