पद्मावती के वंशजो ने भंसाली के खिलाफ खोला मोर्चा, ग्रैंड मदर की अस्मिता से छेड़छाड़ बर्दाश नहीं !

फिल्म पद्मावती के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली की मुश्किलें दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। फिल्म को लेकर विवाद के बीच अब रानी पद्मावती और रावल रतन सिंह के वंशज सामने आए हैं। घूमर के गलत प्रोजेक्शन, खिलजी को हीरो बताने और रानी पद्मावती से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के आरोपों के अलावा मेवाड़ के पूर्व राजघराने के मेंबर्स ने फिल्म के विरोध की अपनी वजहें बताई हैं। पदमावती की वंशज और बूंदी के पूर्व राजपरिवार की पूर्व रानियों ने पदमावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग करते हुए खुली चेतावनी दी है कि यदि उनकी ग्रेट ग्रेट ग्रेंड मदर की अस्मिता से खिलवाड़ करने की कोशिश की तो भंसाली की खैर नहीं है। बता दें कि पद्मावती मेवाड़ की महारानी थीं। मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ में खिलजी के हमले के वक्त उन्होंने 1303 में जौहर किया था।

रानी पद्मावती की वंशज और बूंदी राजपरिवार की बहुओं पूर्व राजमाता दौलत कंवर, पूर्व रानी तरुना कुमारी एवं पूर्व रानी मयूराक्षी सिंह भी अब भंसाली की फिल्म पदमावती के खिलाफ खुलकर खड़ी हो गई हैं। पूर्व राजपरिवार की तीनों सदस्यों ने भंसाली की फिल्म को पूरी तरह काल्पनिक बताते हुए कहा कि फिल्म बनाने से पहले भंसाली को महारानी पदमावती के जीवन के बारे में उनके परिवार के सदस्यों से जानकारी और इजाजत लेनी चाहिए थी। किसी भी कपोल कल्पना के आधार पर आप किसी भी महान शख्सियत के किरदार को पर्दे पर नहीं उतार सकते।
 परंपराओं का ज्ञान लो भंसाली
बूंदी पूर्व राजपरिवार की पूर्व राजमाता दौलत कंवर ने कहा कि भंसाली को पदमावती के परिवार की परंपराओं की जानकारी तक नहीं है और वह दुनिया के सामने उनका किरदार जीवंत करने जा रहे हैं। यदि महारानी पदमावती के बलिदान पर फिल्म बनानी ही थी तो पहले भंसाली को हमारे बीच में रहकर उन परंपराओं को समझना चाहिए था जो एक रानी निभाती है। भंसाली को ये तक नहीं पता कि कभी रानिया घूमर नृत्य नहीं किया करती थी और ना ही उन्हें ये पता है कि राजपूती पोशाक में शरीर का कोई अंग नहीं दिखता। इसके बाद भी महारानी पदमावती की अस्मिता से खिलवाड़ किया गया तो भंसाली की खैर नहीं। क्षत्राणियां उन्हें इस गुस्ताखी का मुंह तोड़ जवाब देंगी।
झूठ दिखाकर पैसा कामना चाहता है भंसाली
वहीं महारानी पदमावती का अक्श खिलजी को आयने में दिखाए जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए पूर्व रानी तरुणा कंवर ने कहा कि इस झूठ को कब तक फैलाओगे ? सच्चाई ये है कि कभी महारानी पदमावती और अलाउद्दीन की मुलाकात हुई ही नहीं और रही बात आयने में चेहरा दिखाने की तो जरा सोचकर देखिए कि जो महिला किसी गैर पुरुष की छाया तक खुद पर न पड़ने देती हो वह किसी भी अपना चेहरा कैसे दिखाएगी। पूर्व रानी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का हम पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन पुरखों की अस्मिता से खिलवाड़ करने की इजाजत बिल्कुल भी नहीं दे सकते। आने वाली पीढ़ियां भंसाली के झूठ को ही सच मानने लगेंगी, जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। इसलिए इस फिल्म पर सरकार और सेंसर बोर्ड को तत्काल प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
रिलीज से पहले वंशजों से पास कराएं मूवी 
बूंदी पूर्व राजपरिवार की कुंवरानी मयूराक्षी सिंह ने फिल्म को रिलीज करने से पहले उसे महारानी पदमावती के वंशजों को दिखाने की मांग की है, ताकि तय हो सके कि फिल्म में मेवाड़ राजपरिवार और राजपूत रानियों की अस्मिता से कोई खिलवाड़ तो नहीं किया गया। मयूराक्षी सिंह ने कहा कि इतिहास के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दास्त नहीं किया जा सकता। ऐतिहासिक शख्सीयत के व्यक्तित्व को तोड़ मरोड़ और बॉलीवुड मसाला लगाकर पेश करने की कोशिश करना अक्षम्य अपराध है। जिसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।

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