देहरादून/डोईवाला – डोईवाला में तहसील बनने से डोईवाला की जनता में एक आस जगी थी कि तहसील से जुड़े कार्य कराने के लिए डोईवाला की जनता को अब ऋषिकेश व देहरादून के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, परंतु डोईवाला के ग्रामीण आज भी तहसील के कार्य कराने के लिए परेशान हैं। क्योंकि जो व्यवस्थाएं तहसील में होनी चाहिए थी, वह पूरी व्यवस्था इन डोईवाला में नहीं हो पाई। इसी समस्या को लेकर आज डोईवाला के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र कोटी मयचक के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी को पटवारी क्षेत्र बदलने की समस्या से अवगत कराया और अपना पटवारी व लेखपाल क्षेत्र बदलने की मांग की, साथ ही अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं होता तो धरना प्रदर्शन उग्र आंदोलन की भी बात कही।
आपको बता दें पटवारी बदलने के मामले में पूर्व में सरकार द्वारा शासनादेश भी जारी कर दिया गया था। तो वही 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इसी ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार भी किया था।
इस दौरान कोटी मयचक की ग्राम प्रधान रेखा बहुगुणा ने कहा कि कोटी मयचक एक माजरा है जो कि कागजों में अभी भी जौलीग्रांट क्षेत्र में चल रहा है। जबकि जौलीग्रांट क्षेत्र नगर पालिका विस्तारीकरण के वक्त नगर पालिका क्षेत्र में सम्मिलित कर लिया गया था। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। आजकल कंप्यूटर का जमाना है और जब तक कंप्यूटर में दर्शाता नहीं कि यहां किस ग्राम सभा क्षेत्र का है तब तक कोई कार्य नहीं होते है। वही ग्रामीणों को खसरा खतौनी व अपनी जमीनों की फर्दे निकालने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी डोईवाला एसडीएम ने 20 दिन का समय दिया है, कहा कि 20 दिन में कार्य कर दिया जाएगा। अगर 20 दिन में जौलीग्रांट से यहां क्षेत्र रामनगर डांडा में नहीं जोड़ा गया तो हम उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।