पार्टी विरोधी गतिविधियों और भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बुधवार को पार्टी से नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दिकी को निष्कासित कर दिया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि नसीमुद्दीन के निर्वाचन क्षेत्र के नेता उनके निराश प्रदर्शन के चलते उनका विरोध कर रहे थे और पार्टी से उन्हें लंबे समय से हटाने की मांग कर रहे थे।
चन्द्र ने कहा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी को दिए गए निर्वाचन क्षेत्र के नतीजे बहुत खराब थे। उनके कार्यक्षेत्र (पश्चिम उत्तर प्रदेश, लखनऊ मंडल, उत्तराखंड) के तहत क्षेत्र के नेताओं ने उनके निराशाजनक आचरण के कारण उनका जोरदार विरोध किया है।
जिसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश के बुंदेल खंड क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई लेकिन वहां भी उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया।
चंद्रा ने नसीमुद्दीन को गुमनाम संपत्ति रखने और बसपा के नाम पर लोगों से पैसे लेने के आरोप लगाते हुए कहा कि कई मौके दिए जाने के बावजूद उन्होंने पार्टी-विरोधी गतिविधियों को जारी रखने का काम किया।
बड़े संगठनात्मक फेरबदल में, पिछले महीने बसपा प्रमुख मायावती ने सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश के प्रमुख से हटा दिया और उन्हें मध्य प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था ।
हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बसपा को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा है । पार्टी ने कुल 403 सीटों में से केवल 19 सीटे ही हासिल की थी ।