नवीन चकराता टाउनशिप को बसाए जाने का रास्ता साफ, धामी कैबिनेट में मिली मंजूरी।

देहरादून – कैबिनेट की मंजूरी मिलने से नवीन चकराता टाउनशिप को बसाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। पुरोड़ी से लेेकर लखवाड़ यमुना पुल तक का क्षेत्र टाउनशिप में शामिल किया जाएगा। इस बहु प्रतीक्षित टाउनशिप का निर्माण मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) करेगा।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल ने छह नवंबर 1997 में नवीन चकराता का शिलान्यास किया था। उनके ही प्रयासों से 26 नवंबर 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पूर्व कार्यकाल में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान नवीन चकराता टाउनशिप को बसाए जाने की घोषणा की थी।

इस महायोजना का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। जिसके बाद एमडीडीए के अधिकारियों की टीम ने यहां का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में चयनित स्थान को टाउनशिप के लिए उपयुक्त माना गया। जिसके बाद कवायद को आगे बढ़ाया गया। संबंधित ग्राम सभाओं और विभागों की भी सहमति ली गई।

यह क्षेत्र होंगे शामिल

पुरोड़ी, रामताल गार्डन, बिरमोऊ कांडी, सजियाना, माख्टी पोखरी, चौरानी डांडा, बैराटखाई, शिखाई डांडा, चौरी डांडा, पांचोई डांडा, वायधार, गांगरौ डांडा, ग्यावा डांडा, चिटाड़ा डांडा, श्यामधार, झुल्का डांडा, नागथात, टिकरथात, बानीथात, ड्यूंडीलानी, देशगाड़, पिपाया, मटियाणा, जखोड़, सणिया आदि क्षेत्र टाउनशिप के अधिकार क्षेत्र में आएंगे। जबकि कालसी तहसील के 32 और चकराता के 8 गांव आंशिक रूप से टाउनशिप का हिस्सा बनेंगे।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

टाउनशिप बनने से क्षेत्र के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में चकराता छावनी क्षेत्र की पाबंदी के चलते सीमित संख्या में होटल और व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। पर्यटन को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि रामशरण नौटियाल जौनसार बावर को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद यह जौनसार बावर को मिलने वाला दूसरा बड़ा तोहफा है। इसके लिए जनजातीय क्षेत्र हमेशा धामी सरकार का ऋणी रहेगा। टाउनशिप के बसने से जनजातीय क्षेत्र विकास के नए आयाम को छूएगा।

वहीँ कृषि मंडी समिति चकराता एवं लखवाड़ बांध विस्थापित एससी-एसटी जनकल्याण समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान ने कहा कि कैबिनेट का यह फैसला जौनसार के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। लगभग 40 गांव की जीविका को आधार मिलेगा। पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

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