नए भगीरथ त्रिवेंद्र पुनर्जीवित करेंगे ऋषिपर्णा नदी

0
873


देहरादून। अभी हाल में ही हमने गंगा दशहरा मनाया है। गंगा दशहरा यानि गंगा के धरती पर आने का दिन। यह बड़ा पावन दिन है। इसी तरह कल कल छल छल अविरल बहती ऋषिपर्णा (रिस्पना) को जीवित करने का प्रयास चल रहा है, जिसमें तमाम सामाजिक संगठन भी लगे हुए है।
कभी निर्मल और स्वच्छ अविरल बहती रिस्पना नदी आज प्रदूषण की चपेट मे आकर नदी से नाला बन गई है। रिस्पना को पुनर्जीवित करने की दिशा में 12 मई को एक कदम और आगे बढाया गया। जिसका लाभ हम सबको मिलने वाला है। जिलाधिकारी देहरादून एसए मुरुगेशन और वन संरक्षक यमुना ब्रिज पी.के. पात्रों के नेतृत्व में विभिन्न विभागों और जनपदीय अधिकारियों के द्वारा ‘मिशन तपेचंदं’ के तहत वृक्षारोपण के लिए गड्ढा खोदने के लिए तपोभूमि क्षेत्र के आसपास स्थलीय निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने इस क्षेत्र का निरीक्षण कर स्थानों का चिह्नीकरण किया। जिलाधिकारी द्वारा प्रथम चरण के 19 मई के गड्ढे खोदने के तय कार्यक्रम के दिन संबंधित विभागों को पेयजल, संसाधन आवंटन, चिकित्सा व्यवस्था, यातायात व्यवस्था तथा अन्य प्रकार के कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिए। उन्होंने लाइजन में लगे अधिकारियों को वृक्षारोपण के लिए गड्ढा खोदने आने वाले टीम लीडर को उनके मुताबिक साइट चयन करने में मदद करने तथा विभिन्न प्रकार की क्वेरी का समाधान करने के निर्देश दिए। वन संरक्षक यमुना ब्रिज पी.के. पात्रों तथा सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल योगेंद्र बीपदूंद ने कहा कि डिफिकल्ट साइट में सेना, अर्धसैनिक बल, वन विभाग, इको टास्क फोर्स तथा प्रशिक्षित विभाग गड्ढा खोदने का कार्य करेंगे तथा आसान क्षेत्रों में निजी भागीदारों का प्रतिभाग कराया जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here