नई दिल्ली: ये आम धारणा है कि सेक्स के मामले में पश्चिमी देशों के लोग खुले दिमाग़ के होते हैं यानी विवाह के पहले भी उन्हें सेक्स से कोई गुरेज़ नहीं होता। यूं तो इस मामले में भारत के लोग ज़्यादा दकियानूसी होते हैं और विवाह के पहले तो सेक्स को पाप ही समझा जाता है।
बाइबिल
1- अविवाहित या विदुर रहना अच्छा पर यदि कोई अपनी काम इन्द्रीओं पर नियंत्रण नहीं रख सकता तो उसे विवाह कर लेना चाहिए।
2- यदि कोई अनैतिक सम्बन्ध बना के इश्वर के नियमों को तोड़ता है तो निश्चय ही ईश्वर उसे सज़ा देगा।
3- ईश्वर ने यौन क्रियाओं के लिए पति पत्नी बनाये है ताकि नैतिक और अनैतिक संबंधो में फर्क़ कर सके।
कुरान
क़ुरान में भी केवल अपनी पत्नी से ही सेक्स करने की इजाजत है। कुरान के अनुसार अल्लाह का कहना है कि व्याभिचार के आसपास भी न फटको क्योंकि ये अश्लील और अभद्र है और सेक्स की भूख मिटाने का शैतानी तरीका है। पैग़ंबर मुहम्मद और इमामों ने भी व्याभिचार और विवाहेतर शादीशुदा से दैहिक संबंध बनाने की घोर निंदा की है।
कुल मिला के इस्लाम निकाह से पहले शारीरिक सम्बन्ध बनाने को हराम कहता है
वेद-पुराण
अधर्व वेद के अनुसार स्त्री पुरुष के केवल विवाह उपरांत ही यौन क्रियाये करनी चाहिए तभी इश्वर प्रसन्न रहता है| और ऋगवेद में भी विवाह उपरांत ही सेक्स करने को कहा गया है। हिन्दू धर्म में १६ प्रकार के विवाह “स्वीकार्य” और “अस्वीकार्य ” जिसमें से गन्धर्व विवाह ऐसा विवाह है जो बिना माँ-बाप की आज्ञा से हो सकता है और इसके बाद प्रेमी प्रेमिका सेक्स कर सकते हैं।
१- गर्भवती होने का खतरा
अगर सेक्स करने के बाद लड़की गर्भवती हो जाती है तो उस बच्चे का लालन -पालन किसके जिम्मे होगा? देश में गर्भपात का सबसे बड़ा कारण ऐसा सेक्स ही है क्योंकि अधिकतर प्रेमी जोड़े इस हालत में नहीं होते कि वो पैदा होने वाले बच्चे की जिम्मेदारी उठा सके, यानि जच्चा -बच्चा दोनों की जान का ख़तरा|
२- कुंठा का शिकार होना
अगर किसी कारणवश सेक्स करने के बाद भी किसी लड़की की शादी उसके प्रेमी के साथ नहीं हो पाती तो वह जिन्दगी भर कुंठा का शिकार हो जाती है। इसके अलावा प्रेमी द्वारा ब्लैक-मेलिंग का डर भी लगा रहता है।
३- सेक्स का चस्का
एक बार सेक्स करने के बाद मन पर काबू रखना कठिन हो जाता है और इसका चस्का भी लग जाता है। इसलिए शादी के बाद पति-पत्नी एक दूसरे के प्रति वफ़ादार नहीं रह पाते और नतीजतन शादी टूटने का ख़तरा पैदा हो जाता है।
आप ने देखा होगा कि यदि किसी ने शादी से पहले सेक्स ना किया हो तो वो शादी को लेकर ज्यादा खुश और उत्तेजित रहते हैं। शादी के बाद ऐसे लोग अपने जीवन साथी के प्रति ज्यादा वफादार होते हैं, परिवार के बारे में ज्यादा समर्पित रहता/ रहती है।
ओशो का कहना है कि सभ्यता में हर आदमी अपने सेक्स को दबाता है। वह दबा हुआ सेक्स विक्षिप्तता पैदा करता है और अनेक मानसिक रोग पैदा करता है।
सेक्स को दबाना पागलपन है। बहुत सारे साधु पागल होते पाए जाते हैं। उसका कोई कारण नहीं है सिवाय इसके कि वे सेक्स को दबाने में लगे हुए हैं। और उनको पता नहीं है, सेक्स को दबाया नहीं जाता।
प्रेम के द्वार खोलें तो जो शक्ति सेक्स के मार्ग से बहती थी, वह प्रेम के प्रकाश में परिणत हो जाएगी।