पिथौरागढ़ – एक मां की ममता उस समय मर गई जब उसने जन्म लेते ही अपनी बेटी को जंगल में छोड़ दिया। दूसरे दिन वह जंगल में देखने गई तो बेटी की सांसें थम चुकीं थीं। बताया जा रहा है कि तीसरी बेटी होने पर महिला ने इस प्रकार की निर्दयता दिखाई। पिथौरागढ़ के दौलीगाड़ गांव के पास के जंगलों में नवजात का शव पड़े होने की सूचना मिली। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
दौलीगाड़ के समीप जंगल में बीते छह मई की सुबह आठ बजे के करीब प्रेमा देवी ने बिना किसी की मदद से जंगल में बच्ची को जन्म दिया। पुलिस पूछताछ में महिला ने कबूल किया है कि प्रसव के बाद बच्ची बिल्कुल सुरक्षित थी और वह जीवित अवस्था में ही उसे जंगल में छोड़ आई। करीब दो घंटे बाद गांव की अन्य महिलाएं घास काटने जंगल गई तो उन्हें बच्ची मृत अवस्था में मिली। गांव के अन्य लोग मृत बच्ची को न देख लें, इस डर से अगले दिन महिला ने नवजात के शव को दफनाने का निर्णय लिया। उसने से जंगल में गड्ढा खोदकर दफना दिया। हालांकि जांच के दौरान पुलिस को केवल वह शाल मिली है जिसमें लपेट कर मासूम को दफनाया गया था।
रविवार को पुलिस ने आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के खिलाफ नवजात को जानबूझ कर मरने के लिए छोड़ने और अपराध को छुपाने व साक्ष्य मिटाने के आरोप में धारा 315,317 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।